एक मोल आदर्श गैस प्रारंभिक अवस्था $\left(T_{ A }, V_0\right)$ से रुद्धोष्म प्रक्रम (adiabatic process) के द्वारा प्रसारित होकर अंतिम अवस्था $\left(T_f, 5 V_0\right)$ में जाती है। उसी गैस का एक अन्य मोल एक समतापीय प्रक्रम (isothermal process) से प्रसारित होकर एक अन्य प्रारंभिक अवस्था $\left(T_{ B }, V_0\right)$ से उसी अंतिम अवस्था $\left(T_{ f }, 5 V_0\right)$ में जाती है। स्थिर दाब तथा स्थिर आयतन पर गैस की विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात $\gamma$ है। अनुपात $T_{ A } / T_{ B }$ का मान क्या है?
$5^{\gamma-1}$
$5^{1-\gamma}$
$5^\gamma$
$5^{-1+\gamma}$
नीचे दिखाए गए चित्रानुसार, कोई आदर्श गैस एक समान अवस्था से आरम्भ करके चार अलग-अलग प्रक्रमों से गुजरती है। ये
प्रक्रम रूद्धोष्म, समतापीय, समदाबीय एवं समआयतनिक हैं। $1 , 2,3$ एवं $4$ में से वह वक्र जो रुद्धोष्म प्रक्रम को निरूपित करता है, वह है :
किसी एक परमाणुक गैस का दाब $P_{1}$ और आयतन $V_{1}$ है। इसको रूद्धोष्म रूप से प्रारंभिक आयतन के $1 / 8$ तक संपीडित किया जाता है, गैस का अंतिम दाब ........ $P_1$ होगा
यहाँ दो कथन दिये गये है-
कथन$-I$ : आदर्श गैस की $\mu$ मात्रा, एक अवर्था $\left( P _1, V _1, T _1\right)$ से दूसरी अवस्था $\left( P _2, V _2, T _2\right)$ में रुद्धोष्म प्रक्रम में परिवर्तित होती है। तब किया गया कार्य $W =\frac{1 R \left( T _2- T _1\right)}{1-\gamma}$ है, जहाँ $\gamma=\frac{ C _{ P }}{ C _{ V }}$ तथा $R =$ सार्वत्रिक गैस नियंतांक है ।
कथन$-II$ : उपरोक्त कथन में, जब गैस पर कार्य किया जाता है, तब गैस का तापमान बढ़ेगा।
ऊष्मागतिकी प्रक्रमों के सम्बन्ध में निम्न कथनों में से कौन सा सत्य नहीं है
एक आदर्श गैस में रुद्धोष्म परिवर्तन होता है । इसके दाब तथा ताप के बीच संबंध होगाः