एक लम्बे बेलनाकार आयतन में एक समान आवेश घनत्व $\rho$ वितरित है। बेलनाकार आयतन की त्रिज्या $R$ है। एक आवेश कण $(q)$ बेलन के चारों तरफ वृत्ताकार पथ में घुमता है। आवेश कण की गतिज ऊर्जा है $....$
$\frac{\rho q R^{2}}{4 \varepsilon_{0}}$
$\frac{\rho q R^{2}}{2 \varepsilon_{0}}$
$\frac{q \rho}{4 \varepsilon_{0} R^{2}}$
$\frac{4 \varepsilon_{0} R^{2}}{q \rho}$
चित्र में गोलीय गॉसीय तल एवं इस पर वितरित आवेश दिखाया गया है। तल पर विद्युत क्षेत्र के फ्लक्स के लिए बताएँ कि विद्युत क्षेत्र किस कारण से उत्पé होता है
चित्रानुसार, एक वृत्तीय तार (wire) परिनालिका को घेराबंद करता है परिनालिका में चुम्बकीय फ्लक्स एक नियत दर से इस पृष्ठ के तल से बाहर की ओर बढ़ रहा है. वृत्ताकार तार के परितः दक्षिणावर्त विद्युत वाहक बल $\varepsilon_0$ है. परिभाषा के अनुसार, वोल्टामीटर, दिए गए दो बिन्दुओं के मध्य वोल्टता के अंतर को निम्न समीकरण $V _{ b }- V _{ s }=\int_a^b \bar{E} \cdot d \bar{s}$ के अनुसार मापता है. मान लीजिये कि $a$ और $b$ एक-दूसरे के अत्यणु निकट हैं. तो पथ 1 के अनुरूप $V _{ b }- V _{ a }$ और पथ 2 के अनुरूप $V _{ a }- V _{ b }$ के मान क्रमशः क्या हैं?
एकसमान पृष्ठीय आवेश घनत्व $\sigma_{+}$व $\sigma_{-}$वाली दो आवेशित पतली अनन्त लम्बी समतलीय शीटों पर विचार कीजिये जहाँ $\left|\sigma_{+}\right|>\left|\sigma_{-}\right|$है, तथा ये आपस में समकोण पर प्रतिच्छेदित करती है। इस निकाय के लिये विधुत क्षेत्र रेखाओं का सर्वाधिक सही चित्रण होगा:-
ऋण वैद्युत आवेश के चारों ओर बल रेखाएँ होती हैं
यदि एक आवेश $q$ को एक अचालक बंद अर्द्धगोलाकार सतह के केन्द्र पर रखा जाता है तो समतल सतह से गुजरने वाला कुल फ्लक्स होगा