पाँच सर्वसम छड़ों को चित्रानुसार जोड़ा गया है, बिन्दु $A$ व $C$ को क्रमश: $120^o C$ एवं $20^o C$ ताप पर रखा गया है। संन्धि $B$ का ताप ....... $^oC$ होगा
$100$
$80$
$70$
$0$
जब किसी रूई से लपेटे गये छड़ के दो सिरों को विभिन्न तापों पर बनाए रखा जाता है, तब
समरूप लंबाई तथा अनुप्रस्थ काट की तीन छड़े, भिन्न-भिन्न पदार्थो की बनी है जिनकी उष्मा चालकतायें क्रमशः $K_{1}, K_{2}$, तथा $K_{3}$ हैं। इनको चित्र के अनुसार एक लंबी छड़ के रूप में जोड़ दिया गया है। इस लंबी छड़ के एक सिरे को $100^{\circ} C$ तथा दूसरे सिरे को $0^{\circ} C$ पर रखते है (चित्र देखिये)। साम्यावस्था में छड़ को संधियों के तापमान $70^{\circ} C$ और $20^{\circ} C$ हैं। यदि छड़ की सतहों से उष्मा का क्षय नही होता है, तो $K _{1}, K _{2}$ तथा $K _{3}$ के बीच सही सबंध होगा -
दो भिन्न धातुओं $A$ तथा $B$ के आयताकार टुकड़ों की लम्बाई एवं अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल एकसमान हैं। इन्हें अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफलों को स्पर्श कराते हुए एक साथ रखा जाता है। $A$ टुकड़े के एक सिरे का ताप ${100^o}C$ और $B$ के दूसरे सिरे का ताप ${0^o}C$ रखा जाता है। यदि $A$ और $B$ के चालकता गुणांक $1 : 3$ के अनुपात में हैं, तो उनके अन्तरापृष्ठ जहाँ $A$ और $B$ स्पर्श करते हैं, का स्थाई अवस्था में ताप ....... $^oC$ होगा
विभिन्न पदार्थों की दो छड़ों के सिरों जिनकी ऊष्मीय चालकताएँ, अनुप्रस्थ काट की त्रिज्याएँ एवं लम्बाइयाँ $1 : 2$ के अनुपात में हैं, को समान तापान्तर पर रखा गया है। यदि बढ़ी छड़ में प्रवाहित ऊष्मा की दर $4$ कैलोरी/सैकण्ड है तो छोटी छड़ में प्रवाहित ऊष्मा की दर होगी (कैलोरी/सैकण्ड में)
ताँबे व लोहे की दो एकसमान छड़ें एक समान रूप से मोम से लेपी गई हैं। प्रत्येक का एक सिरा उबलते पानी के ताप पर रखा गया है तब उन पर मोम पिघलने की लम्बाई क्रमश: $ 8.4$ सेमी व $4.2$ सेमी है। यदि ताँबे का ऊष्मा चालकता गुणांक $0.92$ है, तो लोहे का ऊष्मा चालकता गुणांक है