सरल रेखा के अनुदिश संचरित एक अनुप्रस्थ तरंग के लिये दो शिखरों (श्रृंग) के मध्य दूरी $5\, m$ है जबकि एक श्रृंग व एक गर्त के मध्य दूरी $1.5 \,m$ है। तरंगों की संभावित तरंगदैर्ध्य ( $m$ में) होगी।
$1,2,3, \ldots \ldots$
$\frac{1}{2}, \frac{1}{4}, \frac{1}{6}, \ldots$
$1,3,5, \ldots$
$\frac{1}{1}, \frac{1}{3}, \frac{1}{5}, \ldots$
एक तनी हुयी डोरी की लम्बाई $110 cm$ है। यह डोरी तीन खण्डो में कम्पित होती है जिनकी आवृत्तियों का अनुपात $1 : 2 : 3$ है। इन खण्डों की लम्बाईयों का अनुपात होगा
एक सोनोमीटर के तार $AB$ की लम्बाई $110$ सेमी है। दोनों सेतुओं को $A$ से कितनी दूरी पर रखा जाये ताकि इस प्रकार विभाजित तार के तीन खण्डों की मूल आवृत्तियाँ $1 : 2 : 3$ के अनुपात में हो
यदि किसी सोनोमीटर-तार का तनाव चार गुना कर दिया जाये तो तार की मूल आवृत्ति .... $times $ गुणक से बढ़ जाएगी
इस्पात के दो तारों $A$ तथा $B$ में समान आवृत्ति की अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न की जाती हैं। $A$ का व्यास $ B$ का दो गुना है तथा $A$ में तनाव $B$ के तनाव का आधा है। $A$ तथा $B$ में तरंग के वेगों का अनुपात है
दो पूर्णत: एकसमान तार स्वरैक्य में हैं। यदि एक तार में तनाव $ 1\%$ से बढ़ाकर दोनों तारों को एकसाथ बजाने पर $2 \,sec$ में $3$ विस्पंद सुनाई देते है। प्रत्येक तार की प्रारम्भिक आवृत्ति .... ${\sec ^{ - 1}}$ होगी