दो सिरों पर बंधी डोरी दो भागों में कंपन कर रही है, इस तरंग की तरंगदैध्र्य होगी
$\frac{l}{4}$
$\frac{l}{2}$
$l$
$2l$
स्टील के दो एकसमान तार $A$ तथा $B$ को समान तनाव पर कम्पित किया जाता है। यदि $A$ का प्रथम अधिस्वरक, $B$ के द्वितीय अधिस्वरक के बराबर हो तथा यदि $A$ की त्रिज्या $B$ की दो गुनी हो तो तारों की लम्बाईयों का अनुपात होगा
एक सोनोमीटर के तार $AB$ की लम्बाई $110$ सेमी है। दोनों सेतुओं को $A$ से कितनी दूरी पर रखा जाये ताकि इस प्रकार विभाजित तार के तीन खण्डों की मूल आवृत्तियाँ $1 : 2 : 3$ के अनुपात में हो
एक तनी हुयी डोरी में अनुप्रस्थ कम्पनों की आवृत्ति $200 Hz$ है यदि डोरी में तनाव चार गुना कर दिया जाये और इसकी लम्बाई एक चौथाई कर दी जाये तो कम्पन की आवृत्ति ... $Hz$ होगी
दो तारों $W_{1}$ तथा $W_{2}$ की समान त्रिज्या $r$ है तथा घनत्व क्रमशः $\rho_{1}$ और $\rho_{2}$ इस प्रकार हैं कि $\rho_{2}=4 \rho_{1}$ । चित्रानुसार इन तारों को बिन्दु $O$ पर जोड़ा गया है। इस संयोजन को सोनोमीटर के तार के रूप में प्रयोग करते हैं और इसे तनाव $T$ पर रखते हैं। बिन्दु $O$, दोनों सेतुओं के मध्य में हैं। इस संयुक्त तार में एक अप्रगामी तरंग उत्पत्र की जाती हैं तो जोड़ पर निस्पंद (node) बनता है। $W_{1}$ व $W_{2}$ तारों में बने प्रस्पंदों (antinode) की संख्या का अनुपात होगा
यदि किसी तनी हुयी डोरी की लम्बाई $40\%$ कम कर दी जाये तथा तनाव $44\%$ बढ़ा दिया जाये तो अंतिम तथा प्रारम्भिक मूल आवृत्तियों का अनुपात है