प्रकाश विद्युत उत्सर्जन के लिये, टंगस्टन पर $2300 \mathring A$ तरंगदैध्र्य का प्रकाश, आपतित होना आवश्यक है। यदि इस सतह पर $1800 \mathring A$ तरंगदैध्र्य का प्रकाश आपर्तित किया जाये तब उत्सर्जन

  • A
    संभव है
  • B
    संभव नहीं है
  • C
    हो भी सकता है और नहीं भी
  • D
    आवृत्ति पर निर्भर होगा

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सर्वप्रथम प्रकाश विद्युत प्रभाव को सफलतापूर्वक किसने समझाया

$200 \;W$ का सोडियम स्ट्रीट लैंप तरंगदैर्ध्य $0.6\;\mu m$ के पीले प्रकाश का उत्सर्जन करता है। यह मानते हुए कि यह विद्युत ऊर्जा को प्रकाश में परिवर्तित करने में $50\%$ दक्ष है, प्रति सेकंड उत्सर्जित पीले प्रकाश के फोटॉनों की संख्या है

एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य $\lambda $ है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग $v$ है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर $\frac{{3\lambda }}{4}$ हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा

  • [AIIMS 2008]

मानव नेत्र के द्वारा संसूचित $(detect)$ की जा सकने वाली प्रकाश की न्यूनतम तीव्रता ${10^{ - 10}}W/{m^2}$ है। दिखायी देने के लिये ${10^{ - 6}}{m^2}$ क्षेत्रफल वाली आंख की पुतली में प्रति सैकण्ड प्रवेश करने वाले फोटॉनों की संख्या लगभग होगी (जबकि फोटॉन की तरंगदैध्र्य$\lambda  =5.6 \times {10^{ - 7}}m$ है)

प्रकाश की क्वाण्टम प्रकृति को किस परिघटना द्वारा समझाया जाता है