सर्वप्रथम प्रकाश विद्युत प्रभाव को सफलतापूर्वक किसने समझाया
$200 \;W$ का सोडियम स्ट्रीट लैंप तरंगदैर्ध्य $0.6\;\mu m$ के पीले प्रकाश का उत्सर्जन करता है। यह मानते हुए कि यह विद्युत ऊर्जा को प्रकाश में परिवर्तित करने में $50\%$ दक्ष है, प्रति सेकंड उत्सर्जित पीले प्रकाश के फोटॉनों की संख्या है
एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य $\lambda $ है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग $v$ है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर $\frac{{3\lambda }}{4}$ हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा
मानव नेत्र के द्वारा संसूचित $(detect)$ की जा सकने वाली प्रकाश की न्यूनतम तीव्रता ${10^{ - 10}}W/{m^2}$ है। दिखायी देने के लिये ${10^{ - 6}}{m^2}$ क्षेत्रफल वाली आंख की पुतली में प्रति सैकण्ड प्रवेश करने वाले फोटॉनों की संख्या लगभग होगी (जबकि फोटॉन की तरंगदैध्र्य$\lambda =5.6 \times {10^{ - 7}}m$ है)
प्रकाश की क्वाण्टम प्रकृति को किस परिघटना द्वारा समझाया जाता है