निर्वात में फोटॉन के वेग ओर आवृत्ति के मध्य खींचा गया वक्र

  • A

    आवृत्ति अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा होगी

  • B

    वेग अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा होगी

  • C

    मूल बिन्दु से होकर जाने वाली एवं आवृत्ति अक्ष से $45°$ कोण पर स्थित एक सरल रेखा होगी

  • D

    अतिपरवलय

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एक रेडियो स्टेशन $300$ मीटर तरंगदैध्र्य वाली तरंगों को प्रसारित कर रहा है। यदि ट्रांसमीटर की विकीर्णन क्षमता $10 kW$ है, तो प्रति सैकण्ड विकरित होने वाले फोटॉन की संख्या है

$1\; keV$ ऊर्जा वाले फोटॉन की तरंगदैध्र्य $1.24 \times {10^{ - 9}}\;m$ है तो $1\;MeV$ वाले फोटॉन की आवृत्ति होगी

  • [AIPMT 1991]

आगे आने वाली दो संख्याओं का आकलन रोचक हो सकता है। पहली संख्या यह बताएगी कि रेडियो अभियांत्रिक फ़ोटॉन की अधिक चिंता क्यों नहीं करते। दूसरी संख्या आपको यह बताएगी कि हमारे नेत्र 'फ़ोटॉनों की गिनती' क्यों नहीं कर सकते, भले ही प्रकाश साफ़-साफ़ संसूचन योग्य हो।

$(a)$ एक मध्य तरंग (medium wave) $10\, kW$ सामथ्य के प्रेषी, जो $500\, m$ तरंगदैर्घ्य की रेडियो तरंग उत्सर्जित करता है, के द्वारा प्रति सेकंड उत्सर्जित फ़ोटॉनों की संख्या।

$(b)$ निम्नतम तीव्रता का श्वेत प्रकाश जिसे हम देख सकते हैं $\left(\sim 10^{-10}\, W m ^{-2}\right)$ के संगत फोटॉनों की संख्या जो प्रति सेकंड हमारे नेत्रों की पुतली में प्रवेश करती है। पुतली का क्षेत्रफल लगभग $0.4 \,cm ^{2}$ और श्वेत प्रकाश की औसत आवृत्ति को लगभग $6 \times 10^{14}\,Hz$ मानिए।

एक प्रकाश उत्सर्जक सेल में कार्यकारी तरंगदैर्ध्य $\lambda $ है एवं सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग $v$ है। यदि उत्तेजित तरंगदैर्ध्य बदलकर $\frac{{3\lambda }}{4}$ हो जाये तो सबसे तेज इलेक्ट्रॉन का वेग होगा

  • [AIIMS 2008]

एक $100\, W$ सोडियम बल्ब (लैंप) सभी दिशाओं में एकसमान ऊर्जा विकिरित करता है। लैंप को एक ऐसे बड़े गोले के केंद्र पर रखा गया है जो इस पर आपतित सोडियम के संपूर्ण प्रकाश को अवशोषित करता है। सोडियम प्रकाश का तरंगदैर्घ्य $589\, nm$ है। $(a)$ सोडियम प्रकाश से जुड़े प्रति फ़ोटॉन की ऊर्जा कितनी है? $(b)$ गोले को किस दर से फ़ोटॉन प्रदान किए जा रहे हैं?