चित्र में दर्शाए अवमदित दोलक के लिए गुटके का द्रव्यमान $m=200\, g . k =90\, N\, m ^{-1}$ तथा अवमंदन स्थिरांक $b=40 g s ^{-1}$ है ।
$(a)$ दोलन का आवर्तकाल.
$(b)$ वह समय जिसमें इसके कंपन का आयाम अपने आरंभिक मान का आधा रह जाता है तथा
$(c)$ वह समय जिसमें यांत्रिक ऊर्जा अपने आरंभिक मान की आधी रह जाती है, परिकलित कीजिए
$(a)$ We see that $k m=90 \times 0.2=18\, kg \,N$
$m ^{-1}= kg ^{2}\, s ^{-2} ;$
therefore $\sqrt{k m}=4.243\, kg \,s ^{-1},$ and $b=0.04\, kg\, s ^{-1} .$
Therefore, $b$ is much less than $\sqrt{k m} .$ Hence, the time pertod $T$
$T=2 \pi \sqrt{\frac{m}{k}}$
$=2 \pi \sqrt{\frac{0.2\, kg }{90 \,N m ^{-1}}}$
$=0.3 \,s$
$(b)$ the time, $T_{1 / 2}$, for the amplitude to drop to half of 1ts inttlal value is given by,
$T_{1 / 2}=\frac{\ln (1 / 2)}{b / 2 m}$
$=\frac{0.693}{40} \times 2 \times 200\, s$
$=6.93 \,s$
$(c)$ For calculating the time, $t_{1 / 2},$ for its mechanical energy to drop to half its initial value
$E\left(t_{1 / 2}\right) / E(0)=\exp \left(-b t_{1 / 2} / m\right)$
$\frac 12 =\exp^{-\left(\frac{b t_{\frac 12}}{ m}\right)}$
$\ln (\frac 12)=-\left(\frac{b t_{\frac 12}}{ m}\right)$
$t_{\frac 12}=\frac{0.693}{40 \,g \,s ^{-1}} \times 200\, g$
$=3.46 \,s$
This is just half of the decay period for amplitude. This is not surprising, because. energy depends on the square of the amplitude. Notice that there is a factor of $2$ in the exponents of the two exponentials.
चित्रानुसार एक द्रव्यमान $M$ दो स्प्रिंगों $A$ तथा $B$ से चित्रानुसार लटकाया गया है। स्प्रिंगों के बल नियतांक क्रमषः $K_1$ तथा $K_2$ हैं। दोनों स्प्रिंगों की लम्बाई में कुल वृद्धि है
$M_1$और $M_2$ दो द्रव्यमान $K$ नियतांक वाली किसी द्रव्यमान विहीन स्प्रिंग से चित्र में दिखाये अनुसार लटके हैं। संतुलन की अवस्था में, निकाय को प्रभावित न करके यदि $M_1$ को धीरे से हटा लिया जाये तो दोलन का आयाम होगा
निचे दिए गए चित्र में, $\mathrm{M}=490 \mathrm{~g}$ द्रव्यमान का एक गुटका एक घर्षणरहित मेज पर रखा है, एवं समान स्प्रिंग नियतांक $\left(\mathrm{K}=2 \mathrm{~N} \mathrm{~m}^{-1}\right)$ वाली दो स्प्रिंगों से जुडा है। यदि गुटके को ' $\mathrm{X}$ ' $\mathrm{m}$ की क्षैतिज दूरी से विस्थापित किया जाता है, तो $14 \pi$ सेकन्ड में इसके द्वारा पूर्ण किए गए दोलनों की संख्या होगी।
एक द्रव्यमान $m$, समान लम्बाई की दो स्प्रिंगों से लटका हुआ है। स्प्रिंगों के बल नियतांक क्रमश:${k_1}$ एवं ${k_2}$ हैं। जब पिण्ड को ऊध्र्वाधर दिशा में दोलन कराया जाता है, तो उसका आवर्तकाल होगा
दो एक जैसी स्प्रिंग् $A$ व $B$ हैं। इनके बल नियतांक ${K_A}$ व ${K_B}$ इस प्रकार हैं कि ${K_A} > {K_B}$ इन्हें समान लम्बाई से खींचने के लिये आवश्यक कार्य होगा