चार बंद पृष्ठ तथा उनके आवेश विन्यास को निम्न चित्र में दर्शाया गया है।
यदि उनके पृष्ठ से बद्ध वैद्युत फ्लक्स क्रमशः $\Phi_{1}, \Phi_{2^{\prime}} \Phi_{3}$ तथा $\Phi_{4}$ हों तो
${\phi _1} < {\phi _2} = {\phi _3} > {\phi _4}$
${\phi _1} > {\phi _2} > {\phi _3} > {\phi _4}$
${\phi _1} = {\phi _2} = {\phi _3} = {\phi _4}$
${\phi _1} > {\phi _3} ; {\phi _2} < {\phi _4}$
आकर्षित स्थैतिक विधुत क्षेत्र के अन्तर्गत एक इलेक्ट्रॉन अनन्त लम्बाई वाले बेलनाकार तार के चारों तरफ वृत्ताकार पथ पर परिक्रमण कर रहा है। तार पर एकसमान रेखीय आवेश घनत्व $2 \times 10^{-8} \mathrm{Cm}^{-1}$ है। इलेक्ट्रॉन का वेग जिससे ये परिक्रमण कर रहा है वह__________$\times 10^6 \mathrm{~ms}^{-1}$. (दिया है, इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $=9 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}$ )।
किसी क्षेत्र में विधुत क्षेत्र को इस प्रकार दर्शाया गया है- $\overrightarrow{ E }=\left(\frac{3}{5} E _{0} \hat{ i }+\frac{4}{5} E _{0} \hat{ j }\right) \frac{ N }{ C }$ है। $0.2\, m ^{2}$ क्षेत्रफल के आयताकार पष्ठ $\left( y - z\right.$ तल के समान्तर) और $0.3 \,m ^{2}$ के पष्ठ $( x - z$ तल के समान्तर $)$ से गुजरने वाले दिए गये क्षेत्र के फ्लक्स का अनुपात $a : b$ है। यहाँ $a =\ldots$ है। [यहाँ $\hat{ i }, \hat{ j }$ और $\hat{ k }$ क्रमशः $x , y$ और $z$-अक्ष के अनुदिश एकांक सदिश है]
प्रदर्शित चित्र में, $\mathrm{E}=2 \mathrm{x}^2 \hat{\mathrm{i}}-4 \mathrm{y} \hat{\mathrm{j}}+6 \hat{\mathrm{k}} \mathrm{N} / \mathrm{C}$ वैद्युत क्षेत्र में एक घनाभ स्थित है। घनाभ के अन्दर आवेश का परिणाम $\mathrm{n} \in_0 \mathrm{C}$ है। $\mathrm{n}$ का मान (यदि घनाभ की विमाएँ $1 \times 2 \times 3$ मी $^3$ है) हैं।
आंतरिक त्रिज्या $R _1$ और बाहरी त्रिज्या $R _2$ वाली किसी मोटे चालक गोलीय कोश (thick conducting spherical shell) के गुहिका (cavity) के अंदर +q आवेश (charge) रखा गया। एक दूसरे आवेश $+2$ को कोश के केन्द्र से $r$ दूरी पर रखा गया, जहाँ $r > R _2$ है। तब, खोखली गुहिका में विद्युत क्षेत्र (electric field)
एकसमान पृष्ठीय आवेश घनत्व $\sigma_{+}$व $\sigma_{-}$वाली दो आवेशित पतली अनन्त लम्बी समतलीय शीटों पर विचार कीजिये जहाँ $\left|\sigma_{+}\right|>\left|\sigma_{-}\right|$है, तथा ये आपस में समकोण पर प्रतिच्छेदित करती है। इस निकाय के लिये विधुत क्षेत्र रेखाओं का सर्वाधिक सही चित्रण होगा:-