मान लीजिए कि एक बिंदु आवेश $q$ के द्वारा $r$ दूरी पर उत्पन्न विद्युतीय क्षेत्र $E$ व्युत-वर्गानुपाति (inverse square) न हो के बल्कि व्युत-घनानुपाति (inverse cubic) है | जैसे कि $\vec{E}=k \frac{q}{r^3} \hat{r}$ जहाँ $k$ एक नियतांक है | निम्नलिखित दो कथनों पर विचार करें ।
$(i)$ आवेश को परिबद्ध (enclosing) करने वाले एक गोलीय पृष्ठ से निकलने वाले विद्युत अभिवाह (flux), $\phi=q_{\text {enclosed }} / \epsilon_0$
$(ii)$ एकसमान रूप से आवेशित खोखले कोष के अन्दर स्थित आवेश पर एक बल लगेगा ।
सही विकल्प का चयन करें
केवल $(i)$ ही सही है
केवल $(ii)$ ही सही है
दोनों $(i)$ एवं $(ii)$ दोनों गलत है
दोनों $(i)$ एवं $(ii)$ दोनों सही है
एक घन के केन्द्र पर जिसकी प्रत्येक भुजा की लम्बाई $L$ है एक आवेश $q$ रखा है। घन से निर्गत विधुत फ्लक्स होगा:
एकसमान पृष्ठीय आवेश घनत्व $\sigma_{+}$व $\sigma_{-}$वाली दो आवेशित पतली अनन्त लम्बी समतलीय शीटों पर विचार कीजिये जहाँ $\left|\sigma_{+}\right|>\left|\sigma_{-}\right|$है, तथा ये आपस में समकोण पर प्रतिच्छेदित करती है। इस निकाय के लिये विधुत क्षेत्र रेखाओं का सर्वाधिक सही चित्रण होगा:-
चित्रानुसार एक अनंत लंवाई के एकसमान आवेशित सीधे तार, जिसका रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ है, को $y-z$ तल में $y$-अक्ष के समांतर $z=\frac{\sqrt{3}}{2} a$ दूरी पर रखा गया है। यदि इसके विधुत क्षेत्र का $x-y$ तल में स्थित मूल विंदु पर केन्द्रित $A B C D$ आयताकार सतह से होकर जाने वाला फ्लक्स ( $\varepsilon_0=$ परावैद्युतांक का परिमाण) $\frac{\lambda L }{ n \varepsilon_0}$ है. तब $n$ का मान है।
किसी बिन्दु आवेश ‘$q$’ को एक धात्विक गोलीय कोश के अन्दर रखा गया है। निम्न में से कौनसा चित्र विद्युत बल रेखाओं की सही स्थिति प्रदर्शित करता है
एक आवेश Q को एक घन के किनारे पर रखा जाता है। इसकी प्रत्येक फलक से निकलने वाला वैधुत फ्लक्स होगा :