चित्र में कुछ एकविमीय स्थितिज ऊर्जा-फलनों के उदाहरण दिए गए हैं। कण की कुल ऊर्जा कोटि-अक्ष पर क्रॉस द्वारा निर्देशित की गई है। प्रत्येक स्थिति में, कोई ऐसे क्षेत्र बताइए, यदि कोई हैं तो, जिनमें दी गई ऊर्जा के लिए, कण को नहीं पाया जा सकता। इसके अतिरिक्त, कण की कुल न्यूनतम ऊर्जा भी निर्देशित कीजिए। कुछ ऐसे भौतिक संद्भो के विषय में सोचिए जिनके लिए ये स्थितिज ऊर्जा आकृतियाँ प्रासंगिक हों।
$x>a ; 0$
Total energy of a system is given by the relation
$E= P.E. + K . E$
$- K.E. =E- P.E.$
Kinetic energy of a body is a positive quantity. It cannot be negative. Therefore, the particle will not exist in a region where K.E. becomes negative.
In the given case, the potential energy ( $V_{0}$ ) of the particle becomes greater than total energy ( $E$ ) for $x>a$. Hence, kinetic energy becomes negative in this region. Therefore, the particle will not exist is this region. The minimum total energy of the particle is zero.
All regions
In the given case, the potential energy $\left(V_{0}\right)$ is greater than total energy $(E)$ in all regions. Hence, the particle will not exist in this region.
$x>a$ and $x < b ;-V_{1}$
In the given case, the condition regarding the positivity of K.E. is satisfied only in the region between $x>a$ and $x < b$
The minimum potential energy in this case is $-V_{1} .$ Therfore, $K.E. =E-\left(-V_{1}\right)=E+V_{1}$ Therefore, for the positivity of the kinetic energy, the totaol energy of the particle must be greater than $-V_{1} .$ So, the minimum total energy the particle must have is $-V_{1}$
$-\frac{b}{2} < x < \frac{a}{2} ; \;\;\frac{a}{2} < x < \frac{b}{2} ;-V_{1}$
In the given case, the potential energy ( $V_{0}$ ) of the particle becomes greater than the total energy $(E)$ for $-\frac{b}{2} < x < \frac{b}{2}$ and $-\frac{a}{2} < x < \frac{a}{2}$. Therefore, the particle will not exist in these regions.
The minimum potential energy in this case is $-V_{1} .$ Therfore, $K.E. =E-\left(-V_{1}\right)=E+V_{1}$ Therefore, for the positivity of the kinetic energy, the totaol energy of the particle must be greater than $-V_{1} .$ So, the minimum total energy the particle must have is $-V_{1} .$
$50 \,kg$ द्रव्यमान की एक वस्तु को ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर $100 \,m/sec$ के वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। 5 सैकण्ड पश्चात् यह वस्तु $20 \,kg$ व $30\, kg$ के दो टुकड़ों में टूट जाती है। यदि $20 \,kg$ का टुकड़ा ऊपर की ओर $150\, m/sec$ से गति करे, तो दूसरे टुकड़े का वेग होगा
दो घर्षणरहित आनत पथ, जिनमें से एक की ढाल अधिक है और दूसरे की ढाल कम है, बिंदु $A$ पर मिलते हैं। बिंदु $A$ से प्रत्येक पथ पर एक-एक पत्थर को विरामावस्था से नीचे सरकाया जाता है (चित्र)। क्या ये पत्थर एक ही समय पर नीचे पहुंचेंगे ? क्या वे वहां एक ही चाल से पहुंचेंगे? व्याख्या कीजिए। यदि $\theta_{1}=30^{\circ}, \theta_{2}=60^{\circ}$ और $h=10\, m$ दिया है तो दोनों पत्थरों की चाल एवं उनके द्वारा नीचे पहुंचने में लिए गए समय क्या हैं ?
द्रव्यमान $M$ का एक पिण्ड $V$ चाल से चलते हुए $m$ द्रव्यमान के एक स्थिर पिंड से प्रत्यास्थ संघटन करता है। संघटन के वाद द्रव्यमान $M$ तथा $m$ की चाल क्रमशः $V^{\prime}$ तथा $v$ हो जाती है। सभी पिंडों की गति एक रेखीय है, तो
एक द्रव्यमानरहित स्प्रिंग से जुड़े एक ही द्रव्यमान $m$ के दो कण, $1$ और $2$ , चित्रानुसार एक घर्षण रहित समतल पर हैं। प्रारंभ में, ये दोनों कण, जिनका द्रव्यमान केंद्र $x_0$ पर है, आयाम $a$ तथा कोणीय आवृति $\omega$ से दोलन कर रहे हैं| अतः, समय $t$ पर उनकी स्थितियां, क्रमशः, $x_1(t)=\left(x_0+d\right)+a \sin \omega t$ और $x_2(t)=\left(x_0-d\right)-a \sin \omega t$ हैं, जहां $d>2 a$ है। द्रव्यमान $m$ का एक कण $3$ , चाल $u_0=a \omega / 2$ से इस निकाय की तरफ चलते हुए समय $t_0$ पर कण $2$ से तात्क्षणिक प्रत्यास्थ संघट्ट (elastic collision) करता है| अंततः, कणों $1$ व $2$ का द्रव्यमान-केंद्र चाल $v_{ cm }$ से चलता है और ये कण आयाम $b$ तथा उसी कोणीय आवृति $\omega$ से दोलन करते हैं|
$1.$ यदि संघट्ट, समय $t_0=0$ पर होता है तो $v_{ cm } /(a \omega)$ का मान ........... होगा|
$2.$ यदि संघट्ट, समय $t_0=\pi /(2 \omega)$ पर होता है तो $4 b^2 / a^2$ का मान ................. होगा|
इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$
$10 \,kg$ द्रव्यमान की गेंद, $10 \sqrt{3} \,m / s$ के वेग से $x$-अक्ष के अनुदिश चलते हुए विराम में रखी $20\, kg$ की एक अन्य गेंद से संघट्ट करती है। संघट्ट के पश्चात् पहली गेंद विराम में आ जाती है तथा दूसरी गेंद दो समान टुकड़ों में टूट जाती है। एक टुकड़ा $y$-अक्ष के अनुदिश $10\, m / s$ की चाल से गति करना प्रारम्भ करता है जबकि दूसरा टुकड़ा $x$-अक्ष से $30^{\circ}$ कोण पर चलना प्रारम्भ करता है। $x$-अक्ष से $30^{\circ}$ के कोण पर गति करने वाली गेंद का वेग $x\,m / s$ है। संघट्ट के बाद टुकड़ों के विन्यास को नीचे चित्र में दिखाया गया है। यहाँ $x$ का मान निकटतम पूर्णांक में $......$ होगा।