$B{i^{210}}$ की अर्द्ध-आयु $5$ दिन है। यदि हम इस समस्थानिक के $50,000$ परमाणुओं से प्रारम्भ करें तो $10$ दिन पश्चात् शेष परमाणुओं की संख्या होगी
$5000$
$25000$
$12500$
$20000$
दो रेडियोधर्मी पदार्थो $A$ और $B$ के क्षय नियतांक क्रमश: $5 \lambda$ और $\lambda$ हैं। समय $t =0$ पर उनके नाभिकों की संख्याएँ समान हैं। किस समय अन्तराल के पश्चात $A$ और $B$ की संख्याओं का अनुपात $(1 / e )^{2}$ होगा?
एक $\alpha$- उत्सर्जक एवं अर्द्ध-आयु $138.6$ दिन वाले एक रेडियोसक्रिय पदार्थ को एक छात्र प्रेक्षित करने पर देखता है कि इसके विघटन की दर $2000$ विघटन/सैकेण्ड है, दी गई सक्रियता पर रेडियोसक्रिय नाभिकों की संख्या है
एक गांव को विधुत ऊर्जा प्रदान करने वाले नाभिकीय संयंत्र में एक $T$ वर्ष अर्द्ध-आयु के रेडियोधर्मी पदार्थ को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। प्रारम्भ में ईंधन की मात्रा इतनी है कि गाँव की सम्पूर्ण विधुत शक्ति की आवश्यकताऐं उस समय उपलब्ध विधुत शक्ति की $12.5 \%$ हैं। यदि यह संयंत्र गाँव की सम्पूर्ण ऊर्जा आवयश्यकताओं को अधिकतम $n T$ वर्षो के लिए पूरा कर सकता है। तब $n$ का मान है।
एक रेडियोएक्टिव नमूने की सक्रियता $t = 0$ पर $9750$ काउन्ट प्रति मिनट तथा $t = 5$ पर $975$ काउन्ट प्रति मिनट है, तो क्षय नियतांक लगभग .......... प्रति मिनट होगा
रेडियोएक्टिव क्षय में उत्सर्जित ऋण आवेशी $\beta$ -कण होते हैं