किसी अभिक्रिया का अर्द्ध-आयुकाल, अभिक्रिया की प्रारंभिक सांद्रता के घन के व्युत्क्रमानुपाती पाया जाता है, तो अभिक्रिया की कोटि होगी
$2$
$5$
$3$
$4$
निम्नलिखित अभिक्रिया की बल गतिकी के अध्ययन के दौरान नीचे सारणी में दिये गये परिणाम प्राप्त हुए -
$2 A + B \longrightarrow C + D$
प्रयोग | $[ A ] / molL ^{-1}$ | $[ B ] / molL ^{-1}$ | प्रारंभिक दर $/molL$ $^{-1}$ $\min ^{-1}$ |
$I$ | $0.1$ | $0.1$ | $6.00 \times 10^{-3}$ |
$II$ | $0.1$ | $0.2$ | $2.40 \times 10^{-2}$ |
$III$ | $0.2$ | $0.1$ | $1.20 \times 10^{-2}$ |
$IV$ | $X$ | $0.2$ | $7.20 \times 10^{-2}$ |
$V$ | $0.3$ | $Y$ | $2.88 \times 10^{-1}$ |
दी गई सारणी में $X$ तथा $Y$ क्रमश : है
गन्ने की शक्कर का प्रतिलोमन निरुपित करते हैं
${C_{12}}{H_{22}}{O_{11}} + {H_2}O \to {C_6}{H_{12}}{O_6} + {C_6}{H_{12}}{O_6}$
यह अभिक्रिया है
यदि एक अभिक्रिया के लिये अर्द्ध-आयुकाल प्रारम्भिक सान्द्रण के व्युत्क्रमानुपाती है तो अभिक्रिया की कोटि है
$A$ एवं $B$ के बीच अभिक्रिया की दर $100 $ गुना बढ़ जाती है जब $A$ का सान्द्रण $10$ गुना बढ़ा देते हैं तो $A$ के सापेक्ष अभिक्रिया की कोटि है
अभिक्रिया $2A + B \to $ उत्पाद, में दोनों अभिकारकों का सान्द्रण दुगना करने पर दर $8$ गुना बढ़ जाती है तथा केवल $B$ का सान्द्रण दुगना करें तो दर दुगनी होती है तो अभिक्रिया के लिये दर नियम है