$27°C$ पर हीलियम का आयतन $8$ लीटर है। अचानक दबाकर इसका आयतन $1$ लीटर कर दिया जाता है। इस गैस का ताप ....... $^oC$ होगा $[\gamma = 5/3]$
$108$
$9327$
$1200$
$927$
एक गैस को रुद्धोष्म प्रकार से संपीड़ित करके इसका तापक्रम दुगना कर दिया जाता है। इसके अंतिम आयतन का प्रारम्भिक आयतन से अनुपात होगा
यहाँ दो कथन दिये गये है-
कथन$-I$ : आदर्श गैस की $\mu$ मात्रा, एक अवर्था $\left( P _1, V _1, T _1\right)$ से दूसरी अवस्था $\left( P _2, V _2, T _2\right)$ में रुद्धोष्म प्रक्रम में परिवर्तित होती है। तब किया गया कार्य $W =\frac{1 R \left( T _2- T _1\right)}{1-\gamma}$ है, जहाँ $\gamma=\frac{ C _{ P }}{ C _{ V }}$ तथा $R =$ सार्वत्रिक गैस नियंतांक है ।
कथन$-II$ : उपरोक्त कथन में, जब गैस पर कार्य किया जाता है, तब गैस का तापमान बढ़ेगा।
एक आदर्श गैस के उत्क्रमणीय चक्र $a \rightarrow b \rightarrow c \rightarrow d$, के लिये $V - T$ आरेख यहाँ दर्शाया गया है। प्रक्रम $d \rightarrow a$ तथा $b \rightarrow c$ रुद्धोष्म हैं।
तो, इस प्रक्रम के लिये, संगत $P - V$ आरेख होगा (सभी आरेख व्यवस्था आरेख हैं और स्केल के अनुसार नहीं हैं) :
${27^o}C$ ताप पर किसी एक-परमाणुक आदर्श गैस के $2$ मोल का आयतन $V $ है। यदि गैस को रूद्वोष्म रूप से $2V $ आयतन तक प्रसारित किया जाता है तो गैस द्वारा किया गया कार्य ....... $J$ होगा। $[\gamma = 5/3,\,R = 8.31J/mol\,K]$
एक रूद्धोष्म प्रक्रम के दौरान, किसी द्विपरमाणवीय गैस $\left(\gamma=\frac{7}{5}\right)$ का दाब $P _1$ एवं घनत्व $d _1$ से बदलकर अचानक क्रमशः $P _2\left( > P _1\right)$ एवं $d _2$ हो जाता है। गैस का तापमान बढ़ेगा, और अपने प्रारम्भिक तापमान का गुना हो $.........$ जाएगा। (दिया है, $\left.\frac{ d _2}{ d _1}=32\right)$