यदि मुक्त आकाश में प्रकाश का वेग $c$ है, फोटान के लिए निम्नलिखित में सही कथन है:
$A$. फोटान की ऊर्जा $E=h v$ है।
$B$. फोटान का वेग $c$ है।
$C$. फोटान का संवेग $p=\frac{h v}{c}$ है।
$D$. फोटान-इलैक्ट्रान संघट्ट में, दोनों कुल ऊर्जा व कुल संवेग संरक्षित रहते हैं।
$E$. फोटान पर धनात्मक आवेश होता है।
निम्नलिखित विकल्पों से सही उत्तर चुनिए:
$A, B, C$ व $D$ केवल
$A, C$ व $D$ केवल
$A, B, D$ व $E$ केवल
$A$ व $B$ केवल
$1.0 \times {10^{14}}Hz$ आवृत्ति का एक विद्युत चुम्बकीय विकिरण, स्पेक्ट्रम के अवरक्त भाग में है। इसके एक फोटॉन की ऊर्जा जूल में होगी
किसी अर्द्धगोलाकार सतह के वक्रता केन्द्र पर प्रकाश का एक बिंदु स्त्रोत रखा हुआ है। यह स्त्रोत $24 \mathrm{~W}$ की शक्ति उत्सर्जित करता है। अर्द्धगोलीय वक्र की वक्रता त्रिज्या $10 \mathrm{~cm}$ है एवं उसकी आंतरिक सतह पूर्णतः परावर्ती है। अर्द्धगोले पर, गिरने वाले प्रकाश के कारण आरोपित बल का मान $\times 10^{-8} \mathrm{~N}$ है।
दो प्रकाश स्त्रोत $200 \mathrm{~W}$ की शक्ति का प्रकाश उत्पन्न करते है। क्रमशः $300 \mathrm{~nm}$ व $500 \mathrm{~nm}$ तरंगदैर्ध्यो के प्रत्येक स्त्रोत द्वारा उत्सर्जित दृश्य प्रकाश के फोटानों की संख्याओं का अनुपात होगा :
एक स्त्रोत $S_{1}$ प्रति सेकंड $5000\;\mathring A$ तरंगदैर्ध्य के $10^{15}$ फोटॉन उत्पन्न करता है। एक अन्य स्त्रोत $S_{2} .5100 \;\mathring A$ तरंगदैर्ध्य के $1.02 \times 10^{15}$ फोटॉन प्रति सेकण्ड उत्पन्न करता है, तो $(S_{2}$ की शक्ति)/$(S_{1}$ की शक्ति) का मान होगा