यदि एक आवेश $q$ को एक अचालक बंद अर्द्धगोलाकार सतह के केन्द्र पर रखा जाता है तो समतल सतह से गुजरने वाला कुल फ्लक्स होगा
$\frac{q}{\varepsilon_{0}}$
$\frac{q}{2 \varepsilon_{0}}$
$\frac{q}{4 \varepsilon_{0}}$
$\frac{ q }{2 \pi \varepsilon_{0}}$
चित्रानुसार एक स्थिरवैद्युत क्षेत्र रेखा, बिन्दु आवेश $q_1$ से कोण $\alpha$ पर निकलती है तथा बिन्दु आवेश $-q_2$ से कोण $\beta$ पर मिलती है। यहाँ $q _1$ तथा $q _2$ दोनों धनात्मक हैं। यदि $q _2=\frac{3}{2} q _1$ तथा $\alpha=30^{\circ}$, तब
एक धातु के गोले को दो विपरीत आवेशित पद्वियों के बीच में रखा जाता है. रेखा-क्षेत्रों का सही चित्रण निम्न में से किस चित्र में प्रदर्शित है?
वायु में स्थित इकाई धन आवेश से निकलने वाले सम्पूर्ण विद्युत फ्लक्स का मान है
चार बंद पृष्ठ तथा उनके आवेश विन्यास को निम्न चित्र में दर्शाया गया है।
यदि उनके पृष्ठ से बद्ध वैद्युत फ्लक्स क्रमशः $\Phi_{1}, \Phi_{2^{\prime}} \Phi_{3}$ तथा $\Phi_{4}$ हों तो
एकसमान विध्यूत क्षेत्र $E =3 \times 10^{3} \hat{ 1 } \,N / C$ के एकसमान विध्यूत क्षेत्र का $20\, cm$ भुजा के किसी घन से (जो इस प्रकार अभिविन्यासित है कि उसके फलक निर्दशांक तलों के समांतर हैं) कितना नेट फ्लक्स गुजरेगा?