$R$ त्रिज्या की वृत्तीय चकती पृष्ठीय आवेश घनत्व $\sigma( r )=\sigma_0\left(1-\frac{ r }{ R }\right)$, ग्रहण किये हुये है, जहाँ $\sigma_0$ एक नियतांक है तथा $r$ चकती के केन्द्र से दूरी है। एक बड़ी गोलीय सतह जो आवेशित चकती को पूर्णत: परिबद्ध करती है, से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स $\phi_0$ है। $\frac{ R }{4}$ त्रिज्या वाली तथा चकती के साथ संकेन्द्रित एक अन्य गोलीय सतह से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स $\phi$ है। तब अनुपात $\frac{\varphi_0}{\varphi}$ का मान. . . . . है।
$6.30$
$6.35$
$6.40$
$6.45$
धातु का बना एक ठोस गोला एक समांगी (Uniform) विद्युत क्षेत्र में रखा हुआ है। चित्र में दिखाई गई रेखाओं में से सही बल रेखा है
किसी अनन्त समतल आवेशित चादर के सामने $d$ दूरी पर एक आवेश $+Q$ स्थित है। विद्युत बल रेखाओं का सही चित्रण होगा
तीन समान धन आवेश $q$ एक समबाहु त्रिभुज के शीर्षों पर रखे हैं परिणामी विद्युत बल रेखाऐं निम्न प्रकार से खींची जा सकती है
निम्न चित्र में आवेश वितरण प्रदर्शित है। इन आवेशों के कारण पृष्ठ $S$ से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स है
एक खोखले बेलन के भीतर $q$ कूलॉम का आवेश स्थित है। यदि चित्रानुसार वक्र तल $B$ से सम्बद्ध वैधुत अभिवाह वोल्ट-मी मात्रकों में $\phi$ हो तो समतल तल $A$ से सम्बद्ध वोल्ट-मी मात्रकों में अभिवाह होगा-