यदि परावैद्युतांक तथा परावैद्युत क्षमता को क्रमश: $k$ और $x$ से दर्शाया जाता है, तो संधारित्र में प्रयुक्त परावैद्युतांक की विशेषता होना चाहिए

  • A

    उच्च $k$ तथा उच्च $x$

  • B

    उच्च $k$ तथा निम्न $x$

  • C

    निम्न $k$ तथा निम्न $x$

  • D

    निम्न $k$ तथा उच्च $x$

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एक समानान्तर प्लेट संधारित्र की प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $100\,c{m^2}$ है और दोनों प्लेटों के बीच की दूरी $1 \,mm$ है, जिसमें अभ्रक भरा हुआ है, जिसका परावैद्युतांक $6$ है। उसकी धारिता के तुल्यधारिता वाले गोले की त्रिज्या .......$m$ होगी

एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल $A$ हैं और प्लेटों के बीच दूरी $d$ हैं। प्लेटों के बीच स्थान को एक परावैद्युत से भरा गया है जिसकी विद्युतशीलता एक प्लेट पर $\varepsilon_{1}$ से दूसरी प्लेट पर $\varepsilon_{2}$ तक रेखिक रूप में परिवर्तित होती है। संधारित्र की धारिता हैं :

  • [JEE MAIN 2014]

नमक (सोडियम क्लोराइड) को वायु में रखने पर $1$ सेमी दूर सोडियम तथा क्लोरीन आयनों के बीच बल $F$ कार्य करता है। वायु की विद्युतशीलता तथा पानी का परावैद्युतांक क्रमश: ${\varepsilon _0}$ तथा $K$ हैं। जब नमक का टुकड़ा पानी में रखा जाता है तो $1\,cm$ दूर सोडियम तथा क्लोरीन आयनों के बीच विद्युत बल कार्य करेगा

संधारित्र की प्लेटों के बीच एक परावैद्युत पदार्थ रखने पर, धारिता, विभव एवं स्थितिज ऊर्जा में क्रमश: होती है

एक गोलीय संधारित्र के भीतरी गोले की त्रिज्या $12 \,cm$ तथा बाहरी गोले की त्रिज्या $13\, cm$ है। बाहरी गोला भू-संपर्कित है तथा भीतरी गोले पर $2.5\, \mu C$ का आवेश दिया गया है। संकेंद्री गोलों के बीच के स्थान में $32$ परावैध्यूतांक का द्रव भरा है।

$(a)$ संधारित्र की धारिता ज्ञात कीजिए।

$(b)$ भीतरी गोले का विभव क्या है?

$(c)$ इस संधारित्र की धारिता की तुलना एक $12 \,cm$ त्रिज्या वाले किसी वियुक्त गोले की धारिता से कीजिए। व्याख्या कीजिए कि गोले की धारिता इतनी कम क्यों है।