यदि किसी अतिपरवलय के अनुप्रस्थ तथा संयुग्मी अक्ष क्रमश: $8$ तथा $6$ हों, तो अतिपरवलय के किसी बिन्दु की नाभीय दूरियों का अन्तर होगा
$8$
$6$
$14$
$2$
वक्र $\frac{{{x^2}}}{{{A^2}}} - \frac{{{y^2}}}{{{B^2}}} = 1$ पर स्थित एक बिन्दु है
माना परवलय $y^2=12 x$ के बिंदु $(3, \alpha)$ पर स्पर्श रेखा, रेखा $2 x+2 y=3$ के लंबवत है। तो बिंदु $(6,-4)$ की, अतिपरवलय $\alpha^2 x^2-9 y^2=9 \alpha^2$ के बिंदु $(\alpha-1, \alpha+2)$ पर अभिलंब से दूरी का वर्ग है
माना अतिपरवलय $3 \mathrm{x}^2-4 \mathrm{y}^2=36$ पर बिन्दु $\mathrm{P}\left(\mathrm{x}_0, \mathrm{y}_0\right)$, रेखा $3 \mathrm{x}+2 \mathrm{y}=1$ के निकटतम है। तो $\sqrt{2}\left(\mathrm{y}_0-\mathrm{x}_0\right)$ बराबर है:
माना दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{16}+\frac{y^2}{7}=1$ तथा अतिपरवलय $\frac{x^2}{144}-\frac{y^2}{\alpha}=\frac{1}{25}$ की नाभियाँ सम्पाती हैं। तो अतिपरवलय के नाभिलंब जीवा की लंबाई है :
अतिपरवलय $5{x^2} - 4{y^2} + 20x + 8y = 4$ की उत्केन्द्रता है