यदि चाँदी और ताँबे की ऊष्मा चालकता का अनुपात $10 : 9$ है, तो इंजन हौज के प्रयोग में इनकी छड़ों पर पिघले मोम की लम्बाइयों का अनुपात होगा
$6:10$
$\sqrt {10} :3$
$100 : 81$
$81 : 100$
समान लम्बाई व समान अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल की दो चालक छड़ें $A$ व $B$ $(i)$ पहले श्रेणीक्रम में $(ii)$ बाद में समान्तर क्रम में चित्रानुसार जोड़ी गयी है। दोनों स्थितियों में तापान्तर $100^o C$ रखा गया है। यदि $A$ की ऊष्मीय चालकता $3K$ एवं $B$ की ऊष्मीय चालकता $K$ हो, तब समान्तर क्रम एवं श्रेणीक्रम संयोजन में ऊष्मा प्रवाह की दरों का अनुपात होगा
विभिन्न पदार्थों की बनी दो छड़ों $A$ और $B$ को, आरेख में दर्शाये गये अनुसार आपस में वैल्ड कर जोड़ दिया गया है। इन छड़ों की ऊष्मा चालकता क्रमश: $K _{1}$ तथा $K _{2}$ हैं। तो, इनसे बनी संयुक्त छड़ की ऊष्मा चालकता होगी :
निम्नलिखित में से किनकी ऊष्मा-चालकता में बायीं से दायीं ओर वृद्धि होती है
$R$ त्रिज्या के बेलनाकार छड़ के पदार्थ का ऊष्मा चालकता गुणांक ${K_1}$ है। इसे एक अन्य ${K_2}$ ऊष्मा चालकता गुणांक के भीतर बेलनाकार खोल में रखा गया है, इसकी आन्तरिक त्रिज्या $R$ और बाह्य त्रिज्या $2R$ है। दोनों बेलनों के सिरों को (संयुक्त रूप से) विभिन्न तापों पर रखा गया है, उनके पृष्ठों से ऊष्मा हानि नहीं होती है और निकाय स्थायी अवस्था में है, तो निकाय की संयुक्त ऊष्मा चालकता होगी
एक ही पदार्थ के बने हुए दो बेलनाकार छड़ों द्वारा ऊष्मा का प्रवाह हो रहा है। छड़ों का व्यास $1 : 2$ के अनुपात में है और उनकी लम्बाई $2 : 1$ के अनुपात में है। यदि दोनों सिरों पर तापान्तर समान है, तब इनमें ऊष्मा प्रवाह की दर होगी