एक कण बिन्दु$-A$ से $1.0 \,m$ त्रिज्या के अर्धवृत्त पर चलता हुआ, $1.0 \,sec$ में बिन्दु$-B$पर पहुँचता है। तब उसके औसत वेग का मान ......... $m/s$ होगा

18-116

  • [IIT 1999]
  • A

    $3.14$

  • B

    $2.0$

  • C

    $1.0$

  • D

    $0$

Similar Questions

नियत कोणीय वेग से वृत्ताकार  मार्ग में गति करते किसी कण के सम्बंध में निम्न कथनों में से कौन सा कथन असत्य है

  • [AIEEE 2004]

एक कार $R$ त्रिज्या के एकसमान वृतीय पथ पर एकसमान चाल $v$ से गति करते हुए $T$ सेकंड में एक पूरा चक्कर लगाती है। इस दीरान अभिकेन्द्रीय त्वरण का मान $a_c$ है। यदि यह कार एक बड़े वृतीय पथ, जिसकी त्रिज्या $2 R$ है, पर एकसमान चाल से चलती हुए अभिकेन्द्रीय त्वरण $8 a_{ e }$ महसूस करती है, तो इसका आवर्तकाल होगा

  • [KVPY 2016]

$10 \mathrm{~m}$ त्रिज्या वाले वृत्ताकार पथ पर एक वस्तु नियत चाल से चल रही हैं। यह वस्तु $4$ सेकेण्ड में एक चक्कर पूरा करती है। $3$ सेकेण्ड के अन्त में वस्तु का इसकी प्रारम्भिक स्थिति से विस्थापन है :

  • [JEE MAIN 2023]

एक छात्र एक रेम्प के ऊपर की ओर स्केटिंग करता है, जो क्षैतिज के साथ $30^{\circ}$ कोण बनाता है। वह $v _0$ चाल से रेम्प के आधार से प्रारम्भ (जैसा की चित्र में दिखाया गया है) होता/ होती है तथा $R$ त्रिज्या के एक अर्द्धवृत्तीय पथ $xyz$ के ऊपर घूमना चाहता/चाहती है जिसके दौरान वह धरातल से अधिकतम ऊँचाई $h$ (बिन्दु $y$ पर) पहुँचता/पहुँचती है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। माना कि ऊर्जा हानि नगण्य है तथा उच्चतम बिन्दु पर इस घुमाव के लिए आवश्यक बल केवल उसके भार द्वारा प्रदान किया जाता है। तब ( $g$ गुरूत्वीय त्वरण है)

$(A)$ $v_0^2-2 g h=\frac{1}{2} g R$

$(B)$ $v_0^2-2 g h=\frac{\sqrt{3}}{2} g R$

$(C)$ बिन्द $x$ तथा $z$ पर आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल शून्य है।

$(D)$ आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल बिन्दु $x$ तथा $z$ पर अधिकतम है।

  • [IIT 2020]

एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है।  यदि अभिकेन्द्रीय बल $F$ को नियत रखें परन्तु कोणीय वेग को दोगुना कर दें, तो पथ की नई त्रिज्या होगी (वास्तविक त्रिज्या $R$ है)