$\frac{e}{m}$ ज्ञात करने के थॉमसन प्रयोग में, $2.5$ $kV$ से त्वरित इलेक्ट्रॉन, अभिलम्बवत् विद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र जिनकी तीव्रताऐं क्रमश: $3.6 \times {10^4}V{m^{ - 1}}$ व $1.2 \times {10^{ - 3}}T$ हैं, के क्षेत्र में प्रवेश करता है, तथा अविचलित रहता है। इलेक्ट्रॉन के लिए $\frac{e}{m}$ का मापा गया मान होगा
$1.0 \times {10^{11}}C{\rm{ - }}k{g^{ - 1}}$
$1.76 \times {10^{11}}C{\rm{ - }}k{g^{ - 1}}$
$1.80 \times {10^{11}}C{\rm{ - }}k{g^{ - 1}}$
$1.85 \times {10^{11}}C{\rm{ - }}k{g^{ - 1}}$
$‘e’$ कूलॉम आवेश का एक इलेक्ट्रॉन $V$ वोल्ट विभवान्तर से त्वरित होता है तो इसकी ऊर्जा जूल में होगी
एक इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान है, यह किससे ऊर्जा प्राप्त करेगा
कैथोड किरणें एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में, क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् प्रवेश करती हैं। चुम्बकीय क्षेत्र में उनका मार्ग होगा
बेनब्रिज $(Bainbridge)$ द्रव्यमान स्पेक्ट्रोग्राफ में दो प्लेटों के बीच की दूरी $1 cm$ है तथा इसके बीच $\,1000 V$ विभवान्तर का विद्युत क्षेत्र एवं $B = 1T$ का चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता है। तो धनात्मक (अविचलित) आयन का वेग होगा
थॉमसन के द्रव्यमान स्पेक्ट्रोग्राफ में विद्युत क्षेत्र एवं चुम्बकीय क्षेत्र आरोपित किया जाता है