$10\, kg$ का कोई उपग्रह $8000\, km$ त्रिज्या की एक कक्षा में पृथ्वी का एक चक्कर प्रत्येक $2 \,h$ में लगाता है। यह मानते हुए कि बोर का कोणीय संवेग का अभिगृहीत, उसी प्रकार उपग्रह पर लागू होता है जिस प्रकार कि यह हाइड्रोजन के परमाणु में किसी इलेक्ट्रॉन के लिए मान्य है, उपग्रह की कक्षा की क्वांटम संख्या ज्ञात कीजिए।
$m v_{n} r_{n}=n h / 2 \pi$
Here $m=10 \,kg$ and $r_{n}=8 \times 10^{6} \,m .$
We have the time period $T$ of the circling satellite as $2 h$. That is $T=7200\, s$.
Thus the velocity $v_{n}=2 \pi r_{n} / T$
The quantum number of the orbit of satellite
$n=\left(2 \pi r_{n}\right)^{2} \times m /(T \times h)$
Substituting the values, $n=\left(2 \pi \times 8 \times 10^{6}\, m \right)^{2} \times 10 /\left(7200 s \times 6.64 \times 10^{-34}\, J s \right)$
$=5.3 \times 10^{45}$
हाइड्रोजन परमाणु के प्रथम तथा चतुर्थ ऊर्जा स्तरों के बीच अवशोषण संक्रमणों की संख्या $3$ है। इनके बीच उत्सर्जन संक्रमणों की संख्या होगी
हाइड्रोजन परमाणु का आयनन विभव $13.6 eV$ है। हाइड्रोजन परमाणुओं को $12.1eV$ फोटॉन ऊर्जा के एकवर्णी विकिरण द्वारा मूल अवस्था से उत्तेजित किया जाता है। बोहर के सिद्धान्तानुसार, हाइड्रोजन परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित वर्णक्रम रेखायें होंगी
$5 \,MeV$ ऊर्जा का एक अल्फा कण एक स्थिर यूरेनियम नाभिक से $180^o$ के कोण पर प्रकीर्ण होता है। $\alpha - $ कण की नाभिक के निकटतम आने की दूरी का कोटि मान है
$\sqrt{ d _1}$ तथा $\sqrt{ d _2}$ प्रकीर्णन कोण क्रमश: $60^{\circ}$ तथा $90^{\circ}$ के संगत संघट्ट प्राचल है, जब एक $\alpha$ कण स्वर्ण नाभिक की ओर पहुँच रहा है। यदि $d _1= x$ $d _2$ है तो $x$ मान ज्ञात कीजिये।
हाइड्रोजन परमाणु के स्पेक्ट्रम में, लाइमन श्रेणी में सबसे बड़ी तरंगदैध्र्य एवं बामर श्रेणी में सबसे बड़ी तरंगदैध्र्य का अनुपात है