रदरफोर्ड के प्रकीर्णन प्रयोग में $\alpha $ प्रकीर्णन की स्थिति में संघट्ट प्राचल $b = 0$ के लिये सही कोण .....$^o$ होगा
${90}$
${270}$
${0}$
${180}$
प्रत्येक कथन के अंत में दिए गए संकेतों में से सही विकल्प का चयन कीजिए :
$(a)$ टॉमसन मॉडल में परमाणु का साइज़, रदरफोर्ड मॉडल में परमाणवीय साइज़ से $\ldots \ldots \ldots$ होता है। (अपेक्षाकृत काफी अधिक, भिन्न नहीं, अपेक्षाकृत काफी कम)
$(b)$ $\ldots \ldots \ldots$ में निम्नतम अवस्था में इलेक्ट्रॉन स्थायी साम्य में होते हैं जबकि $\ldots \ldots$ में इलेक्ट्रॉन, सदैव नेट बल अनुभव करते हैं।
$(c)$ $\ldots \ldots \ldots$ पर आधारित किसी क्लासिकी परमाणु का नष्ट होना निश्चित है। ( टॉमसन मॉडल, रदरफोर्ड मॉडल)
$(d)$ किसी परमाणु के द्रव्यमान का $\ldots \ldots \ldots \ldots$ में लगभग संतत वितरण होता है लेकिन $\ldots \ldots \ldots$ में अत्यंत असमान द्रव्यमान वितरण होता है। ( टॉमसन मॉडल, रदरफोर्ड मॉडल)
$(e)$ $\ldots \ldots \ldots$ में परमाणु के धनावेशित भाग का द्रव्यमान सर्वाधिक होता है। (रदरफोर्ड मॉडल, दोनों मॉडलों )
परमाणु के रदरफोर्ड के नाभिकीय मॉडल में, नाभिक ( त्रिज्या लगभ्ग $10^{-15} \,m$ ) सूर्य के सदृश है, जिसके परित: इलेक्ट्रॉन अपने कक्ष ( त्रिज्या $\approx 10^{-10} \, m$ ) में ऐसे परिक्रमा करता है जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है। यदि सौर परिवार की विमाएँ उसी अनुपात में होतीं जो किसी परमाणु में होती हैं, तो क्या पृथ्वी अपनी वास्ताविक स्थिति की अपेक्षा सूर्य के पास होगी या दूर होगी? पृथ्वी के कक्ष की त्रिज्या लगभग $1.5 \times 10^{11} \,m$ है। सूर्य की त्रिज्या $7 \times 10^{8} \,m$ मानी गई है।
जब इलेक्ट्रॉनों को त्वरित करने वाले विभवान्तर को एक क्रांतिक मान से अधिक मान तक बढ़ाया जाता है, तो
एक प्रोटोन को सीधे एक नाभिक $( Q =120 e$, जहाँ $e$ इलेक्ट्रोनिक आवेश है) की ओर बहुत दूर से दागा जाता है। यह प्रोटॉन नाभिक से $10 \ fm$ की निकटतम दूरी तक पहुँचता है। प्रोटोन के चलना आरम्भ करते समय उसकी de Broglie तरंग दैर्ध्य ( $fm$ में) क्या है ? (मानें : प्रोटॉन का द्रव्यमान, $m _{ p }=\frac{5}{3} \times 10^{-27} kg \frac{ h }{ e }=4.2 \times 10^{-15} J . s / C ; \frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}=9 \times 10^9 m / F ; 1 fm =$ $\left.10^{-15} m \right)$
हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम बोहर कक्षा में मूल अवस्था में इलेक्ट्रॉन की चाल तथा वायु में प्रकाश की चाल का अनुपात है