हाइड्रोजन परमाणु के प्रथम तथा चतुर्थ ऊर्जा स्तरों के बीच अवशोषण संक्रमणों की संख्या $3$ है। इनके बीच उत्सर्जन संक्रमणों की संख्या होगी
$3$
$4$
$5$
$6$
नीचे दो कथन दिए गए हैं:
कथन $I$ : परमाणु वैध्रुत उदासीन होते हैं क्योंकि इनमें समान संख्या में धनात्मक तथा ऋणात्मक आवेश होते हैं।
कथन $II$ : प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थाई होते हैं तथा अपना अभिलाक्षणिक स्पैक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं।
उपरोक्त कथनों के आधार पर, नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर चुनिए:
क्लासिकी रूप में किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर किसी भी कक्षा में हो सकता है। तब प्ररूपी परमाणवीय साइज़ किससे निर्धारित होता है? परमाणु अपने प्ररूपी साइज़ की अपेक्षा दस हज्ञार गुना बड़ा क्यों नहीं है? इस प्रश्न ने बोर को अपने प्रसिद्ध परमाणु मॉडल, जो आपने पाठ्यपुस्तक में पढ़ा है, तक पहुँचने से पहले बहुत उलझन में डाला था। अपनी खोज से पूर्व उन्होंने क्या किया होगा, इसका अनुकरण करने के लिए हम मूल नियतांकों की प्रकृति के साथ निम्न गतिविधि करके देंखें कि क्या हमें लंबाई की विमा वाली कोई राशि प्राप्त होती है, जिसका साइज़, लगभग परमाणु के ज्ञात साइज़ $\left(\sim 10^{-10} m \right)$ के बराबर है।
$(a)$ मूल नियतांकों $e, m_{\varepsilon},$ और $c$ से लंबाई की विमा वाली राशि की रचना कीजिए। उसका संख्यात्मक मान भी निर्धारित कीजिए।
$(b)$ आप पाएंगे कि $(a)$ में प्राप्त लंबाई परमाण्वीय विमाओं के परिमाण की कोटि से काफी छोटी है। इसके अतिरिक्त इसमें $c$ सम्मिलित है। परंतु परमाणुओं की ऊर्जा अधिकतर अनापेक्षिकीय क्षेत्र (non-relativisitic domain) में है जहाँ $c$ की कोई अपेक्षित भूमिका नहीं है। इसी तर्क ने बोर को $C$ का परित्याग कर सही परमाण्वीय साइज़ को प्राप्त करने के लिए ' कुछ अन्य ' देखने के लिए प्रेरित किया। इस समय प्लांक नियतांक $h$ का कहीं और पहले ही आविर्भाव हो चुका था। बोर की सूश्मदृष्टि ने पहचाना कि $h, m_{ e }$ और $e$ के प्रयोग से ही सही परमाणु साइज़ प्राप्त होगा। अत: $h, m_{e}$ और $e$ से ही लंबाई की विमा वाली किसी राशि की रचना कीजिए और पुष्टि कीजिए कि इसका संख्यात्मक मान, वास्तव में सही परिमाण की कोटि का है।
निम्न कथनों पर विचार करें :
$(I)$ एक तत्व के सभी समस्थानिकों में न्यूट्रॉनों की संख्या समान होती है।
$(II)$ एक तत्व का केवल एक ही समस्थानिक स्थायी तथा रेडियोअक्रिय हो सकता है।
$(III)$ सभी तत्वों के समस्थानिक होते हैं।
$(IV)$ कार्बन के सभी समस्थानिक ऑक्सीजन - 16 के साथ रासायनिक यौगिक बना सकते हैं।
समस्थानिक के लिए सही विकल्प होगा
मान लीजिए कि स्वर्ण पन्नी के स्थान पर ठोस हाइड्रोजन की पतली शीट का उपयोग करके आपको ऐल्फा-कण प्रकीर्णन प्रयोग दोहराने का अवसर प्राप्त होता है। (हाइड्रोजन $14 K$ से नीचे