चल कुण्डली धारामापी में क्वार्ट्ज के तार का उपयोग करते हैं, कयोंकि
यह विद्युत का सुचालक है
प्रत्यास्थ उत्तर प्रभाव नगण्य है
यंग मापांक अत्यधिक है
प्रत्यास्थता सीमा नहीं होती है
दो तार समान पदार्थ के बने हैं और दोनों के आयतन भी समान हैं । पहले तार की अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल $A$ और दूसरे तार की अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल $3 A$ है । यदि बल $F$ लगाकर पहले तार की लम्बाई में $\Delta l$ की वृद्धि की जाती है, तो दूसरे तार की लम्बाई में भी इतनी ही वृद्धि करने के लिए कितने बल की आवश्यकता होगी ?
एक ही पदार्थ के दो तारों की लम्बाइयों का अनुपात 1 : 2 है तथा उनकी त्रिज्याओं का अनुपात $1:\sqrt 2 $ है। यदि उन्हें समान बल लगाकर खींचा जाये तो उनकी लम्बाइयों में वृद्धि का अनुपात होगा
$10-6$ मी $2$ क्षेत्रफल के तार की लम्बाई में $0.1\%$ की वृद्धि होने पर उसमें $1000$ न्यूटन का तनाव उत्पन्न होता है। तार का यंग प्रत्यास्थता गुणांक है
अविस्तारित $L$ लम्बाई की एकसमान शंकुनुमा तार के सिरों की त्रिज्या क्रमशः $R$ तथा $3R$ हैं। उसकी धातु का यंग-माडुलस $Y$ है। $R$ त्रिज्या वाले सिरे को एक ढृढ़ आधार पर जड़ित किया गया है तथा दूसरे सिरे पर $M$ द्रव्यमान लटकाया गया है। संतुलन-अवस्था में तार की लम्बाई होगी
$2$ मी लम्बे और $10$ ${^{-2}}$ सेमी$^2$ अनुप्रस्थ क्षेत्रफल के तार के एक सिरे पर $200$ न्यूटन का बल अरोपित किया गया है। तार का दूसरा सिरा दृढ़ आधार से कसा हुआ है। तार के पदार्थ का $\alpha= 8 \times 10{^{-6}}°C^{-1}$ एवं $Y = 2.2 \times 10$ ${^{11}} N/m^{ 2}$ है। यदि तार के ताप में $5°C$ की वृद्धि की जाती है तो तार के तनाव में वृद्धि ........ $N$ है