$2$ मीटर लम्बी एवं $50$ मिलीमीटर$^{2}$ अनुप्रस्थ काट वाली एक लोहे की छड़ के निचले सिरे से जब $250$ किलोग्राम के द्रव्यमान को लटकाया जाता है तो इसकी लम्बाई में $0.5$ मिलीमीटर की वृद्धि हो जाती है। लोहे की छड़ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक है
$19.6 \times {10^{10}}\,N/{m^2}$
$19.6 \times {10^{15}}\,N/{m^2}$
$19.6 \times {10^{18}}\,N/{m^2}$
$19.6 \times {10^{20}}\,N/{m^2}$
$15\, kg$ द्रव्यमान की एक दृढ़ पट्टी को तीन तारों, जिनमें प्रत्येक की लंबाई $2 \,m$ है, से सममित लटकाया गया है। सिरों के दोनों तार ताँबे के हैं तथा बीच वाला लोहे का है। तारों के व्यासों के अनुपात निकालिए, प्रत्येक पर तनाव उतना ही रहना चाहिए।
$L$ लम्बाई एवं $r$ त्रिज्या का एक तार, अपने एक सिरे पर दृढ़ता से जुड़ा हुआ है। जब तार का दूसरा सिरा, F बल से खींचा जाता है, तो इसकी लम्बाई में $5\,cm$ की वृद्धि होती है। समान पदार्थ का बना, $4 L$ लम्बाई एवं $4 r$ त्रिज्या का कोई दूसरा तार, समान परिसिथतियों के अन्तर्गत $4 F$ बल से खींचा जाता है तो इस तार की लम्बाई में हुई वृद्धि का मान $...........cm$ होगा।
$CGS$ प्रणाली में स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $2 \times {10^{12}}$ है। एक इकाई अनुप्रस्थ काट के स्टील के तार की किसी लम्बाई को दोगुनी करने के लिये निम्न बल की आवश्यकता है
$10\, m$ लम्बाई के रबर की डोरी को उध्र्वाधरत: लटकाया है। इसमें अपने ही भार के कारण लम्बाई में वृद्धि होगी, $($रबर का घनत्व $1500 \,kg/m^3, Y = 5×10^8 N/m^2, g = 10 m/s^2$$)$
ताँबे का एक $2.2\, m$ लंबा तार तथा इस्पात का एक $1.6\, m$ लंबा तार, जिनमें दोनों के व्यास $3.0\, mm$ हैं, सिरे से जुड़े हुए हैं। जब इसे एक भार से तनित किया गया तो कुल विस्तार $0.7\, mm$ हुआ। लगाए गए भार का मान प्राप्त कीजिए।