प्रकाश तरंगें $y-$दिशा में संचरित हो रही है। यदि किसी क्षण पर संगत $\vec E$ सदिश $x$-अक्ष के अनुदिश है, तो इस क्षण पर $\vec B$ सदिश की दिशा किसके अनुदिश होगी
$y-$अक्ष
$x-$अक्ष
$+ z-$अक्ष
$-z$ अक्ष
किसी विधुत चुम्बकीय तरंग के विधुत क्षेत्र सदिश और चुम्बकीय क्षेत्र सदिश क्रमशः $\overrightarrow{ E }= E _{0} \hat{ i }$ और $\overrightarrow{ B }$ $= B _{0} \hat{ k }$ हैं। इस विधुत चुम्बकीय तरंग की संचरण दिशा होगी।
विद्युत चुम्बकीय तरंगों की अनुप्रस्थ प्रकृति सिद्ध होती है
एक पराविधुत (dielectric) माध्यम में चलने वाली विधुतचुम्बकीय तरंग से सम्बंधित विधुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=30(2 \hat{x}+\hat{y}) \sin \left[2 \pi\left(5 \times 10^{14} t-\frac{10^7}{3} z\right)\right] Vm ^{-1}$ है।
निम्न में से कौन सा(से) कथन सही है(हैं)?
[दिया है: निर्वात में प्रकाश की चाल $c=3 \times 10^8 m s ^{-1}$ ]
$(A)$ $B_x=-2 \times 10^{-7} \sin \left[2 \pi\left(5 \times 10^{14} t-\frac{10^7}{3} z\right)\right] Wb m ^{-2}$
$(B)$ $B_y=2 \times 10^{-7} \sin \left[2 \pi\left(5 \times 10^{14} t-\frac{10^7}{3} z\right)\right] Wb m ^{-2}$
$(C)$ तरंग $x y$-तल में $x$-अक्ष से $30^{\circ}$ का ध्रुव्रण कोण बनाते हुए ध्रुवित (polarized) है।
$(D)$ इस माध्यम का अपवर्तनांक $2$ है।
$18\, W / cm ^{2}$ के ऊर्जा फ्लक्स का प्रकाश किसी अपरावर्तक सतह पर अभिलंबवत आपतित होता है। यदि सतह का क्षेत्रफल $20\, cm ^{2}$ हो तो $30$ मिनट की समयावधि में सतह पर लगने वाले औसत बल का परिकलन कीजिए।
एक वैद्युतचुंबकीय तरंग के लिए किसी क्षण एक निश्चित स्थान पर, विद्युत क्षैत्र ऋणात्मक $\mathrm{z}$-अक्ष के अनुदिश तथा चुम्बकीय क्षेत्र धनात्मक $\mathrm{x}$-अक्ष के अनुदिश है। तब वैधुतचुंबकीय तरंग के संचरण की दिशा है: