किसी लेजर द्वारा $6 \times 10^{14} \mathrm{~Hz}$ आवृात्त का एकवणो प्रकाश उत्पन्न किया गया है। उत्सर्जित शक्ति $2 \times 10^{-3} \mathrm{~W}$ है। स्त्रोत द्वारा औसतन उत्सर्जित प्रति सैकण्ड फोटानों की संख्या कितनी होगी
(दिया है : $\mathrm{h}=6.63 \times 10^{-34} \mathrm{JS}$ )
$9 \times 10^{18}$
$6 \times 10^{15}$
$5 \times 10^{15}$
$7 \times 10^{16}$
यदि आपतित फोटॉन की तरंगदैध्र्य कम कर दी जाये तो
जब प्रकाश एक धातु की सतह पर आपतित होता है तो उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा निर्भर करती है
फोटॉन का विराम द्रव्यमान होता है
फोटॉन के टकराने के पश्चात् प्रकाश इलेक्ट्रॉन को बाहर आने में लिया गया समय लगभग है
एक छोटी वस्तु, जो प्रारम्भ में विराम अवस्था में है, प्रकाश की $100 \ ns$ की एक स्पन्द को पूर्णतया अवशोषित करती है। स्पन्द की शक्ति $30 \ mW$ है व प्रकाश की गति $3 \times 10^8 \ ms ^{-1}$ है। वस्तु का अन्तिम संवेग है :