न्यूटन ने निम्न में से किस आधार पर कणिका सिद्धांत प्रतिपादित किया
न्यूटन वलय
पतली फ्रिन्जों के रंग
प्रकाश का सरल रेखा में गमन
श्वेत प्रकाश का विक्षेपण
कणिका सिद्धांत के आधार पर प्रकाश में विभिन्न वणी का कारण है
द्वितीयक तरंगिकाओं की कल्पना सर्वप्रथम दी थी
संलग्न चित्र में $CP$ एक तरंगाग्र को प्रदर्शित करती है। $AO$ तथा $BP$ दो किरणें हैं। बिन्दु $P$ पर किरण $BP$ तथा परावर्तित किरण $OP $ के बीच संपोषी व्यतिकरण के लिए $\theta $ की स्थिति होगी
निम्नलिखित दशाओं में प्रत्येक तरंगाग्र की आकृति क्या है?
$(a)$ किसी बिंदु स्रोत से अपसरित प्रकाश।
$(b)$ उत्तल लेंस से निर्गमित प्रकाश, जिसके फ़ोकस बिंदु पर कोई बिंदु स्रोत रखा है।
$(c)$ किसी दूरस्थ तारे से आने वाले प्रकाश तरंगाग्र का पृथ्वी द्वारा अवरोधित (intercepted) भाग।
हाइगन के सिद्धान्त में मुख्य कमी थी