स्थिर दाब तथा स्थिर आयतन पर विशिष्ट ऊष्माओं $5/3$ अनुपात वाली एक आदर्श गैस का एक मोल रुद्धोष्म रीति से $6R$ जूल कार्य करता है। यदि गैस का आरम्भिक ताप $T\, K$ हो, तो इसका अन्तिम ताप होगा

  • [AIPMT 2004]
  • A

    $(T + 2.4)\,K$

  • B

    $(T - 2.4)\,K$

  • C

    $(T + 4)\,K$

  • D

    $(T - 4)\,K$

Similar Questions

नीचे दिखाए गए चित्रानुसार, कोई आदर्श गैस एक समान अवस्था से आरम्भ करके चार अलग-अलग प्रक्रमों से गुजरती है। ये
प्रक्रम रूद्धोष्म, समतापीय, समदाबीय एवं समआयतनिक हैं। $1 , 2,3$ एवं $4$ में से वह वक्र जो रुद्धोष्म प्रक्रम को निरूपित करता है, वह है :

  • [NEET 2022]

एक एकपरमाणुक आदर्श गैस प्रारम्भिक ताप ${T_1}$ पर, एक पिस्टन युक्त सिलिण्डर में भरी है। पिस्टन को अचानक स्वतंत्र करके गैस को रुद्धोष्म रूप से  ${T_2}$ ताप तक प्रसारित होने देते हैं यदि सिलिण्डर में, गैस के प्रसार से पहले एवं बाद में गैस स्तम्भों की लम्बाइयाँ क्रमश:  ${L_1}$ तथा ${L_2}$ हैं, तब ${T_1}/{T_2}$ का मान है

  • [JEE MAIN 2021]

गैस की दो विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात $\gamma $  द्वारा प्रदर्शित किया गया है तो रुद्धोष्म और समतापीय $P-V$ वक्रों की कटान बिन्दु पर प्रवणता का अनुपात होगा

एक गैस के $2$ मोल के प्रसार के दौरान गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन $-50J$ है। प्रक्रम के दौरान किया गया कार्य ..... $J$ है

रुद्धोष्म परिवर्तन हेतु एक परमाण्विक गैस के लिये दाब तथा ताप में सम्बन्ध $P \propto T^c$ है। यहाँ $c$ का मान होगा

  • [AIIMS 2001]