हाइड्रोजन $(H)$, ड्यूटीरियम $(D)$, एकल आयनीकृत हीलियम $(H{e^ + })$ एवं द्विआयनीकृत लीथियम $(L{i^ + })$ सभी के नाभिक के चारों ओर एक इलेक्ट्रॉन है। यदि $n =2$ से $n = 1$ तक के संक्रमण को माना जाये एवं उत्सर्जित विकिरकों की तरंगदैध्र्य ${\lambda _1},\;{\lambda _2},\;{\lambda _3}$ एवं ${\lambda _4}$ हैं तो
${\lambda _1} = {\lambda _2} = 4{\lambda _3} = 9{\lambda _4}$
$4{\lambda _1} = 2{\lambda _2} = 2{\lambda _3} = {\lambda _4}$
${\lambda _1} = 2{\lambda _2} = 2\sqrt 2 {\lambda _3} = 3\sqrt 2 {\lambda _4}$
${\lambda _1} = {\lambda _2} = 2{\lambda _3} = 3\sqrt 2 {\lambda _4}$
$5 \,MeV$ ऊर्जा का एक अल्फा कण एक स्थिर यूरेनियम नाभिक से $180^o$ के कोण पर प्रकीर्ण होता है। $\alpha - $ कण की नाभिक के निकटतम आने की दूरी का कोटि मान है
हाइड्रोजन परमाणु के बोर मॉडल में इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत बल मुख्य क्वाण्टम संख्या $(n)$ पर किस प्रकार निर्भर करता है
यदि $X-$ किरण नलिका में आरोपित विभवान्तर $V$ वोल्ट है, तो उत्सर्जित $X-$ किरणों की न्यूनतम तरंगदैध्र्य लगभग होगी
एक दृष्टिकोण के अनुसार पदार्थ केवल पाँच तत्वों से निर्मित है |इस दृष्टिकोण को समायोजित (समंजित) करने के लिए एक वैज्ञानिक निम्नलिखित परिकल्यना प्रस्तुत करती है : परमाणुओं की अधिक्तम क्वांटम संख्या $n _{\max }$ से ज्यादा नहीं हो सकती है। तब निम्न में से कौन सा कथन सही है ?
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन के मध्य गुरुत्वाकर्षण, कूलॉम-आकर्षण से लगभग $10^{-40}$ के गुणक से कम है। इस तथ्य को देखने का एक वैकल्पिक उपाय यह है कि यदि इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन गुरुत्वाकर्षण द्वारा आबद्ध हों तो किसी हाइड्रोजन परमाणु में प्रथम बोर कक्षा की त्रिज्या का अनुमान लगाइए। आप मनोरंजक उत्तर पाएँगे।