किसी सरल लोलक का गोलक पानी में आवर्तकाल $t$ के साथ सरल आवर्त गति करता है, जबकि इस गोलक के दोलन का वायु में आवर्तकाल ${t_0}$ है। पानी का घर्षण बल नगण्य मानते हुए, यदि गोलक का घनत्व $(4/3) ×1000 \,kg/m^3$ दिया गया है, तब निम्नलिखित में कौन सा संबंध सही है
$t = {t_0}$
$t = {t_0}/2$
$t = 2{t_0}$
$t = 4{t_0}$
दो सरल लोलकों, को जिनकी लम्बाईयाँ $100\, cm$ तथा $121\, cm$ है अलग-अलग लटकाया जाता है। इसके बाद उनके गोलकों को खींचकर छोड़ दिया जाता है। लम्बे लोलक के कितने न्यूनतम दोलनों के पश्चात् दोनों लोलक पुन: समान कला में होंगे
$l$ लंबाई का एक सामान्य दोलक $45^{\circ}$ अंश के आयाम से दोलन करता है। गुरुत्वीय त्वरण $g$ है। मान लीजिये $T_0=2 \pi \sqrt{l / g}$ है। इस दोलन का आवर्तकाल
एक सरल लोलक को ट्रोली में रखा जाता है जोकि $a$ त्वरण से एक क्षैतिज सतह पर दायीं ओर गतिमान है तो मध्य स्थिति में लोलक का धागा ऊध्र्वाधर से कोण बनाता है
एक सरल लोलक का दोलनकाल दोगुना हो जायेगा यदि इसकी लम्बाई
एक सरल लोलक का रूकी हुई लिफ्ट में आवर्त काल $T$ है। यदि लिफ्ट ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर $\frac{ g }{6}$ त्वरण से त्वरित होती है, तो इसका आवर्तकाल क्या होगा ?(जहाँ $g =$ गुरूत्वीय त्वरण है)