निम्न कथनों में से सत्य कथन है
किसी पिण्ड का वेग शून्य होने पर उसका त्वरण शून्य हो यह आवश्यक नहीं है
किसी पिण्ड का वेग शून्य होने पर त्वरण निश्चित रुप से शून्य होगा
कोई पिण्ड जब एक समान चाल से गति करता है तब उसका त्वरण एक समान होगा
कोई पिण्ड जब असमान वेग से गति करता है तब उसका त्वरण शून्य होगा
एक कण समीकरण $x = {\left( {t + 5} \right)^{ - 1}}$ के अनुसार $t$ सेकंड में $x$ दूरी तय करता है |कण का त्वरण अनुक्रमानुपाती होगा
विरामावस्था में स्थित एक कण संदर्भ बिन्दु $\mathrm{x}=0$ से $x$-अक्ष के अनुदिश $v$ वेग गति प्रारम्भ करता है जिसका वेग निम्न प्रकार परिवर्तित होता है $v=4 \sqrt{x}$ मी./से. कण का त्वरण. . . . . . . . . मी./से. ${ }^2$ हैं।
एक पिण्ड मूल बिन्दु से $X - $अक्ष की ओर इस प्रकार गतिमान है कि किसी क्षण पर उसका वेग सूत्र $(4{t^3} - 2t)$ द्वारा दिया जाता है। यहाँ पर वेग मी/से में तथा समय सैकण्ड में है। जब कण मूल बिन्दु से $2$ मी की दूरी पर है तब इसका त्वरण होगा..........$m/{s^2}$
एक दिशा में चलते हुए एक कण द्वारा $t$ समय में तय की गयी दूरी $x$ सूत्र $x ^{2}= at { }^{2}+2 bt + c$ के अनुसार दी जाती है। यदि कण के त्वरण की $x$ पर निर्भरता $x^{-n}$ ( $n$ एक पूर्णांक है) द्वारा दी जाती हो तो $n$ का मान है।
एक टेनिस की गेंद किसी ऊँचाई से गिरती है तथा पृथ्वी से टकराकर वापस लौटती है। इस प्रक्रिया में त्वरण, वेग तथा विस्थापन में से कौनसी राशियों में परिवर्तन होता है [