ऊष्मीय प्रतिरोध की विमा है
${M^{ - 1}}{L^{ - 2}}{T^3}K$
$M{L^2}{T^{ - 2}}{K^{ - 1}}$
$M{L^2}{T^{ - 3}}K$
$M{L^2}{T^{ - 2}}{K^{ - 2}}$
निम्नचित्र में$r_1$ तथा $r_2$ त्रिज्याओं के दो संकेन्द्री गोलों का एक निकाय दर्शाया गया है जिन्हें क्रमश: $T_1$ तथा $T_2$ तापों पर रखा गया है। दोनों संकेन्द्री गोलों के बीच के पदार्थ में ऊष्मा के त्रिज्यीय प्रवाह की दर समानुपाती है
नीचे दिये गये चित्र में, दो कुचालक प्लेटें चित्रानुसार जुड़ी हैं। इनके ऊष्मीय प्रतिरोध $R$ एवं $3R$ हैं। उभयनिष्ठ ताप $\theta$ ...... $^oC$ है
किसी धातु की ऊष्मा चालकता $CGS$ पद्धति में $0.4$ है। स्थायी अवस्था में यदि $10$ कैलोरी प्रति सैकण्ड प्रति सेमी $ 2$ ऊष्मा का संचार होता है, तो ताप प्रवणता निम्न ....... $^oC/cm$ होगी
समरूप लंबाई तथा अनुप्रस्थ काट की तीन छड़े, भिन्न-भिन्न पदार्थो की बनी है जिनकी उष्मा चालकतायें क्रमशः $K_{1}, K_{2}$, तथा $K_{3}$ हैं। इनको चित्र के अनुसार एक लंबी छड़ के रूप में जोड़ दिया गया है। इस लंबी छड़ के एक सिरे को $100^{\circ} C$ तथा दूसरे सिरे को $0^{\circ} C$ पर रखते है (चित्र देखिये)। साम्यावस्था में छड़ को संधियों के तापमान $70^{\circ} C$ और $20^{\circ} C$ हैं। यदि छड़ की सतहों से उष्मा का क्षय नही होता है, तो $K _{1}, K _{2}$ तथा $K _{3}$ के बीच सही सबंध होगा -
झील पर बनी बर्फ की होती है