सर्ल विधि द्वारा धातु की ऊष्मा चालकता ज्ञात करने के प्रयोग में छड़ में अनुदिश ताप प्रवणता होती है

  • A

    गर्म सिरे के समीप अधिक

  • B

    शीतल सिरे के समीप अधिक

  • C

    सभी बिन्दुओं पर समान

  • D

    गर्म सिरे से शीतल सिरे की ओर अधिक

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किसी कमरे की एक खिड़की के कांच का क्षेत्रफल $10\;{m^2}$ है और मोटाई $2$ मिमी है, बाहर के तथा अन्दर के ताप क्रमश: ${40^o}C$ तथा ${20^o}C$ हैं। कांच की ऊष्मा चालकता $MKS$ पद्धति में $0.2$ है। प्रति सैकण्ड कमरे में ऊष्मा का संचार है

एक $20$ ओह्य के प्रतिरोध के हीटर द्वारा कमरे का ताप${20^o}C$ नियत रखा जाता है। हीटर को $200$ वोल्ट मेन्स से संयोजित रखकर कमरे का ताप सर्वत्र समान रखा जाता है। ऊष्मा एक काँच की खिड़की से निर्गत होती है। काँच की मोटाई $0.2$ सेमी और क्षेत्रफल $1$ मीं$^2$ है। बाह्य का ताप ........ $^oC$ होगा, यदि कांच की ऊष्मा चालकता $K = 0.2cal/m/^\circ C/sec$ तथा $J = 4.2 J/cal$

  • [IIT 1978]

ताँबे व लोहे की दो एकसमान छड़ें एक समान रूप से मोम से लेपी गई हैं। प्रत्येक का एक सिरा उबलते पानी के ताप पर रखा गया है तब उन पर मोम पिघलने की लम्बाई क्रमश: $  8.4$ सेमी व $4.2$ सेमी है। यदि ताँबे का ऊष्मा चालकता गुणांक $0.92$ है, तो लोहे का ऊष्मा चालकता गुणांक है

जब किसी रूई से लपेटे गये छड़ के दो सिरों को विभिन्न तापों पर बनाए रखा जाता है, तब

समान विमाओं वाली तीन छड़ें, जिनकी ऊष्मीय चालकताएँ $3K,\,2K$ तथा $K$ हैं, चित्रानुसार व्यवस्थित की गई हैं। इनके सिरे ${100^o}C,\,\,{50^o}C$ तथा ${20^o}C$ पर हैं इनकी सन्धि का ताप ........ $^oC$ है