एक छड़ चुम्बक की चुम्बकीय बल रेखायें होती हैं

  • A

    दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर

  • B

    उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओ

  • C

    छड़ चुम्बक को काटती हुयी

  • D

    चुम्बक के अंदर दक्षिण ध्रुव से उत्तरी ध्रुव एवं चुम्बक से बाहर उत्तरी ध्रुव से दक्षिण ध्रुव की ओर

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निम्न चित्र $(1)$ तथा $(2)$ में बल रेखाओं को प्रदर्शित किया गया है कौनसा कथन सत्य है

$3 \,cm$  लम्बे छड़ चुम्बक के अक्ष पर एक दूसरे के विपरीत ओर चुम्बक के केन्द्र से $24 \,cm$  एवं $48\, cm$  की दूरी पर स्थित दो बिन्दुओं  $ A$ और $B$  पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं का अनुपात होगा

$50 \,gm $ भार एवं $10 \,cm $ लम्बाई   की दो एकसमान छड़ चुम्बकें चित्रानुसार एक काँच नलिका में ऊध्र्वाधर स्थित हैं। इनके समान ध्रुव चित्रानुसार आमने-सामने है। ऊपर वाली चुम्बक नीचे वाली चुम्बक से वायु में इस प्रकार सन्तुलित रहती है कि इनके पास वाले ध्रुवों के बीच की दूरी $ 3\,mm$  है। प्रत्येक चुम्बक की ध्रुव सामथ्र्य ......$ amp × m$ होगी

दो छोटे-छोटे छड़ चुम्बक एक रेखा में $d $ दूरी पर इस प्रकार रखे हैं कि उनके समान ध्रुव एक-दूसरे की ओर हैं । यदि प्रत्येक चुम्बक की लम्बाई  $d $ के मुकाबले नगण्य हो, तो दोनों चुम्बकों के बीच बल निम्न के व्युत्क्रमानुपाती होगा

एक छोटा छड़ चुंबक जिसका चुंबकीय आधूर्ण $5.25 \times 10^{-2}\, JT ^{1}$ है, इस प्रकार रखा है कि इसका अक्ष पृथ्वी के क्षेत्र की दिशा के लंबवत है। चुंबक के केंद्र से कितनी दूरी पर, परिणामी क्षेत्र पृथ्वी के क्षेत्र की दिशा से $45^{\circ}$ का कोण बनाएगा, यदि हम $(a)$ अभिलंब समद्विभाजक पर देखें, $(b)$ अक्ष पर देखें। इस स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण $0.42 \,G$ है। प्रयुक्त दूरियों की तुलना में चुंबक की लंबाई की उपेक्षा कर सकते हैं।