$10 \,cm$  लम्बी एवं $ 4.0 \,Am $  ध्रुव सामथ्र्य वाली एक चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण....$A{m^2}$ होगा

  • A

    $0.4$

  • B

    $1.6$

  • C

    $20$

  • D

    $8$

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एक नाल चुम्बक (अर्द्धवृत्ताकार) चुम्बक के ध्रुवों के बीच की दूरी $0.1\, m$ है एवं ध्रुव सामथ्र्य $0.01\, amp-m$ है। ध्रुवों के बीच में मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

किसी चुम्बक को लौह-चूर्ण में रखकर उठाया जाता है तो अधिकतम चूर्ण रहता है

$S.I. $ पद्धति में चुम्बकशीलता का मात्रक है

दो एक जैसे छड़ चुम्बक चित्रानुसार रखे हुये हैं । बिन्दु $P $ पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा, जिसे तीर का शीर्ष दर्शाता है, होगी (लगभग)

दो छड़ चुम्बकों के चुम्बकीय आघूणो  र्की तुलना कर सकते हैं