एक लम्बी चुम्बकीय सुई  जिसकी लम्बाई  $2\,L$  चुम्बकीय आघूर्ण $M$  एवं ध्रुव प्राबल्य $m$ इकाई  है, मध्य में से दो भागों में टूट जाती है । प्रत्येक टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण एवं ध्रुव प्राबल्य है

  • A

    $\frac{M}{2},\frac{m}{2}$

  • B

    $M,\frac{m}{2}$

  • C

    $\frac{M}{2},m$

  • D

    $M,m$

Similar Questions

दो एकसमान लघु चुम्बक, जिनमें प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $ 10\,Am^2$  है, इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है, कि इनके अक्ष एक दूसरे के लम्बव्त रहें एवं इनके केन्द्र एक ही सरल रेखा के अनुदिश एक क्षैतिज तल में हों। यदि इनके केन्द्रों के बीच की दूरी  $0.2\, m $ है, तो इनके बीच में मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

$({\mu _0} = 4\pi  \times {10^{ - 7}}\,H{m^{ - 1}})$

विलगित (isolated) बिन्दु से $d $ दूरी पर $m $ इकाई  ध्रुव प्राबल्य का वायु में चुम्बकीय प्रेरण का मान होगा

चुम्बकीय विभव के लिये कुछ समविभवी सतहें निम्न चित्र में प्रदर्शित हैं। किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा

दो छड़ चुम्बक, प्रत्येक का चुम्बकीय आघूर्ण $M$  है, एक दूसरे के लम्बवत् क्रॉस के रूप में रखे गये हैं। इस व्यवस्था का चुम्बकीय आघूर्ण होगा

$\mathrm{L}$ लम्बाई की एक लौह छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण $\mathrm{M}$ है। यह लम्बाई के मध्य से इस प्रकार मोड़ा गया है कि दोनों भुजाएँ एक दूसरे के साथ $60^{\circ}$ का कोण बनाती है। इस नई चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण है:

  • [NEET 2024]