विषुवत रेखा पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण लगभग $0.4\, G$ है। पृथ्वी के चुंबक के द्विध्रुव आधूर्ण की गणना कीजिए।

Vedclass pdf generator app on play store
Vedclass iOS app on app store

the equatorial magnetic field is,

$B_{E}=\frac{\mu_{0} m}{4 \pi r^{3}}$

We are given that $B_{E} \sim 0.4 G =4 \times 10^{-5} T .$

For $r,$ we take the radius of the earth $6.4 \times 10^{6} m .$ Hence,

$m=\frac{4 \times 10^{-5} \times\left(6.4 \times 10^{6}\right)^{3}}{\mu_{0} / 4 \pi}$$=4 \times 10^{2} \times\left(6.4 \times 10^{6}\right)^{3} \;\;\left(\mu_{0} / 4 \pi=10^{-7}\right)$

$=1.05 \times 10^{23} Am ^{2}$

This is close to the value $8 \times 10^{22}\; A m ^{2}$ quoted in geomagnetic texts.

Similar Questions

चुम्बकीय बल रेखायें

एक लघु चुम्बक को एक क्षैतिज धात्विक वलय के अक्ष के अनुदिश ऊपर से गिराया जाता है। विराम से $1\, sec$ पश्चात् चुम्बक द्वारा तय की गई दूरी ......$m$ हो सकती है

समान चुम्बकीय आघूर्ण $M $ के दो एकसमान छड़चुम्बक $P$ एवं $Q$ लिये गये हैं। यदि $P$  को इसकी अक्षीय रेखा के परित: तथा $Q$  को इसकी निरक्ष के परित: काट दिया जाय तो चारों भागों में

एक नाल चुम्बक (अर्द्धवृत्ताकार) चुम्बक के ध्रुवों के बीच की दूरी $0.1\, m$ है एवं ध्रुव सामथ्र्य $0.01\, amp-m$ है। ध्रुवों के बीच में मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय प्रेरण होगा

अक्षीय स्थिति में लम्बाई $d$ के दो तनु चुम्बकीय द्विध्रुवों के मध्य बिन्दुओं को $x$ दूरी पर रखा गया है $(x > > d )$ दोनों के बीच बल $x^{- n }$ के समानुपाती है, जहाँ $n$ है :

  • [JEE MAIN 2014]