दो एक समान चुम्बकीय ध्रुव, जिनकी ध्रुव प्राबल्य $10$ तथा $40 $ $S.I.$ इकाई हैं, एक दूसरे से $30\,cm$ दूरी पर रखे हैं। दोनों को मिलाने वाली रेखा पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता शून्य होगी
प्रबल ध्रुव से $ 10 \,cm $ दूरी पर स्थित बिन्दु पर
प्रबल ध्रुव से $20\, cm$ दूरी पर स्थित बिन्दु पर
मध्य बिन्दु पर
अनन्त पर
$2M $ व $M$ चुम्बकीय आघूर्णों वाले दो छड़ चुम्बकों को एक-दूसरे के लम्बवत् रखकर एक क्रॉस निकाय बनाया गया है, यह क्रॉस निकाय, दोनों चुम्बकों के केन्द्रों से होकर जाने वाले ऊध्र्वाधर अक्ष के परित: घूर्णन के लिये स्वतंत्र है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र में यह क्रॉस निकाय इस प्रकार से समंजित होता है कि $2M$ चुम्बकीय आघूर्ण वाला चुम्बक, चुम्बकीय याम्योत्तर से $ \Theta $ कोण बनाता है। तब
चुम्बकीय आघूर्ण $1.0\, A-m^2$ के दो एकसमान चुम्बकीय द्विध्रुवों के अक्षों को एक-दूसरे के लम्बवत् रखा गया है जिससे उनके केन्द्रों के बीच की दूरी $2\,m$ है । द्विध्रुवों के बीच मध्य बिन्दु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा
एक छोटे छड़ चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $1.25 $ ऐम्पियर-मीटर $^{2}$ है, इसकी अक्ष पर चुम्बक के केन्द्र से $0.5 $ मीटर की दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा
दो समान दण्ड चुम्बकों, जिसके केन्द्र $r $ मीटर दूरी पर हैं, के अक्ष एक ही रेखा पर हों, तब $4.8 \,N $ का बल लगता है। यदि इनके मध्य की दूरी $2r$ कर दी जाये, तो उनके बीच बल का मान .........$N$ कम हो जायेगा
चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण है