यदि देा चुम्बकीय ध्रुवों की ध्रुव प्राबल्य एवं इनके बीच की दूरी दोगुने कर दिये जायें तो इनके मध्य कार्यरत बल

  • A

    पहले की अपेक्षा दुगना हो जाता है

  • B

    परिवर्तित नहीं होता

  • C

    पहले की अपेक्षा आधा हो जाता है

  • D

    प्रथम मान से चार गुना हो जाता है

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चित्र में $O$ बिंदु पर रखी गई एक छोटी चुंबकीय सुई $P$ दिखाई गई है। तीर इसके चुंबकीय आघूर्ण की दिशा दर्शाता है। अन्य तीर, दूसरी समरूप चुंबकीय सुई $Q$ की विभिन्न स्थितियों (एवं चुंबकीय आघूर्ण के दिकविन्यासों ) को प्रदर्शित करते हैं।

$(a)$ किस विन्यास में यह निकाय संतुलन में नहीं होगा?

$(b)$ किस विन्यास में निकाय $(i)$ स्थायी $(ii)$ अस्थायी संतुलन में होंगे?

$(c)$ दिखाए गए सभी विन्यासों में किसमें न्यूनतम स्थितिज ऊर्जा है?

$2\, cm $ लम्बे छड़ चुम्बक के अक्ष के अनुदिश चुम्बक के दोनों ओर ध्रुवों से $x $ और $2x $ दूरी पर बिन्दु $A $ और $B$ स्थित हैं। इन बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं का अनुपात है

एक दण्ड चुम्बक का केन्द्र $O$  और लम्बाई  $4 $ सेमी है । बिन्दु $P_1$ निरक्षीय स्थिति में और बिन्दु $P_2$ अक्षीय स्थिति में इस प्रकार है कि $OP_1 = OP_2 = 10$ मीटर ।  $P_1$  और $P_2$ पर चुम्बकीय तीव्रता $H$ का अनुपात होगा

एक छोटा चुम्बक जिसका चुम्बकीय आघूर्ण $ 6.75\, Am^2$  है। इसके अक्ष पर उदासीन बिन्दु प्राप्त होता है यदि पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का क्षैतिज घटक $5 \times {10^{ - 5}}\,Wb/{m^2}$ है तो उदासीन बिन्दु की दूरी.....$cm$ होगी

एक चुम्बकीय सुई  को एक असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है। यह अनुभव करती है

  • [AIEEE 2005]