$9 \times 10^{-13} \mathrm{~cm}$ त्रिज्या के एक परमाणु नाभिक $(\mathrm{z}=50)$ के पृष्ठ पर वैद्युत विभव . . . . . . . . $\times 10^6 \hat{V}$ है।
$10$
$9$
$7$
$8$
छह आवेशों को एक नियमित षट्भुज (hexagon) जिसकी भुजा की लम्बाई $a$ है, के परितः (around) रखा गया है, जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। उनमें से पांच का आवेश $q$, तथा बचे हुए एक आवेश $x$ है। प्रत्येक आवेश से षट्भुज की समीपतम भुजा पर डाला गया लम्बवत षट्भुज के केंद्र $O$ से गुजरता है तथा उस भुजा के द्वारा द्विभाजित (bisect) होता है।
निम्न में से कौन सा (से) कथन SI मानक में सही है (हैं)?
$(A)$ जब $x=q$, $O$ पर विधुत क्षेत्र (electrical field) का परिमाण शून्य है।
$(B)$ जब $x=-q, O$ पर विधुत क्षेत्र का परिमाण $\frac{q}{6 \pi \epsilon_0 a^2}$ है।
$(C)$ जब $x=2 q$, $O$ पर विभव (potential) $\frac{7 q}{4 \sqrt{3} \pi \epsilon_0 a}$ है।
$(D)$ जब $x=-3 q$, $O$ पर विभव $-\frac{3 q}{4 \sqrt{3} \pi \epsilon_0 a}$ है ।
आवेश $Q$ को तीन समकेन्द्रीय तथा त्रिज्या $a, b, c$ $( a < b < c )$ के गोलाकार कोशों पर इस तरह वितरित किया है कि तीनों पर क्षेत्रीय घनत्व बराबर है। कोशों के केन्द्र से दूरी $r\,<\,a$ पर स्थित एक बिन्दु पर कुल विभव का मान होगा?
एकसमान आवेश घनत्व वाले एक गोले की कल्पना कीजिए जिसका कुल आवेश Q तथा त्रिज्या $R$ है. इस गोले के अन्दर स्थिरवैद्युत विभव के वितरण को $\emptyset(r)=\frac{Q}{4 \pi \epsilon_0 R}\left(a+b(r / R)^c\right)$ से निरूपित किया गया है. मान लीजिये कि अनंत पर विभव शून्य है. इस आधार पर $(a$, $b, c)$ के मान क्या होंगे?
एक आवेश $+q$ को $r$ त्रिज्या वोल एक पतले वलय जिसका रेखीय आवेश घनत्व $\lambda=q \sin ^2 \theta /(\pi r)$ है, पर वितरित किया जाता है। वलय $x-y$ तल में है और $x$-अक्ष से $\vec{r}$ एक कोण $\theta$ बनाता है। बिन्दु आवेश $+Q$ को वलय के केन्द्र से अनंत तक विस्थापित करने में वैद्युत बल द्वारा किया गया कार्य निम्न के बरावर है।
एक बिन्दु आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विभव का मान होगा