किसी चालक गोले के अन्दर विद्युत विभव
केन्द्र से सतह की ओर बढ़ता है
केन्द्र से सतह की ओर घटता है
केन्द्र से सतह की ओर नियत रहता है
सभी जगह शून्य रहता है
एक चालक गोले की त्रिज्या $R$ है। इस पर $Q$ आवेश है। गोले के केन्द्र पर विधुत विभत तथा विधुत क्षेत्र क्रमशः हैं
दो आवेश $ + \,q$ और $ - \,q$ एक निश्चित दूरी पर हैं, उनके बीचों बीच स्थित बिन्दु पर
प्रत्येक $10\,V$ तक आवेशित पारे की $64$ बूँदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है। बड़ी बूँद पर विभव ........$V$ होगा (प्रत्येक बूँद गोलाकार मानी जाये)
$q$ परिमाण के दो विपरीत आवेश एक दूसरे से $2d$ दूरी पर रखे हैं। उनके बीच मध्य बिन्दु पर विभव होगा
$Q$ आवेश से आवेशित, $R$ त्रिज्या के गोलीय चालक के अन्दर केन्द्र से $x$-दूरी पर विभव होगा