${27^o}C$ ताप पर किसी एक-परमाणुक आदर्श गैस के $2$ मोल का आयतन $V $ है। यदि गैस को रूद्वोष्म रूप से $2V $ आयतन तक प्रसारित किया जाता है तो गैस द्वारा किया गया कार्य ....... $J$ होगा। $[\gamma = 5/3,\,R = 8.31J/mol\,K]$
$ - 2767.23$
$2767.23$
$2500$
$ - 2500$
किसी रूद्धोष्म प्रक्रिया में एक द्विपरमाणुक गैस का घनत्व पहले का $32$ गुना हो जाता है। प्रक्रिया के अंत में गैस का दबाव उसके शुरू के दबाव से $n$ गुना पाया जाता है। $n$ का मान होगा।
निम्न $P-V$ वक्र में दो रुद्धोष्म वक्र दो समतापीय वक्रों को तापक्रम $T_1$ तथा $T_2$ पर काटते हैं। $\frac{{{V_a}}}{{{V_d}}}$ का मान होगा
एक एकपरमाणुक आदर्श गैस प्रारम्भिक ताप ${T_1}$ पर, एक पिस्टन युक्त सिलिण्डर में भरी है। पिस्टन को अचानक स्वतंत्र करके गैस को रुद्धोष्म रूप से ${T_2}$ ताप तक प्रसारित होने देते हैं यदि सिलिण्डर में, गैस के प्रसार से पहले एवं बाद में गैस स्तम्भों की लम्बाइयाँ क्रमश: ${L_1}$ तथा ${L_2}$ हैं, तब ${T_1}/{T_2}$ का मान है
एक मोटर-ट्यूब में ${27^o}C$ पर हवा भरी है एवं इसका दाब $8$ वायुमण्डलीय दाब के बराबर है। ट्यूब अचानक फट जाता है तो हवा का ताप होगा [ हवा हेतु $\gamma = \,1.5]$
तापमान $300\, K$ से शुरू होकर $1$ मोल द्विपरमाणुक आदर्श गैस $(\gamma=1.4)$ का पहले रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा $V _{1}$ आयतन से $V _{2}=\frac{ V _{1}}{16}$ आयतन तक संपीडन किया जाता है। तत्पश्चात इसे समदाबीय प्रक्रिया द्वारा $2 V _{2}$ आयतन तक प्रसारित होने दिया जाता है। यदि सभी प्रक्रियाएँ स्थैतिककल्प (quasi-static) हों तो गैस का अन्तिम तापमान का (निकटतम पूर्णांक ${ }^{\circ} K$ में) होगा।