दीर्घवृत्त $\frac{{{x^2}}}{{{a^2}}} + \frac{{{y^2}}}{{{b^2}}} = 1$ के अक्ष तथा स्पश्री के मध्य खींची गयी रेखा के मध्य बिन्दु का बिन्दुपथ होगा
$\frac{{{a^2}}}{{{x^2}}} + \frac{{{b^2}}}{{{y^2}}} = 1$
$\frac{{{a^2}}}{{{x^2}}} + \frac{{{b^2}}}{{{y^2}}} = 2$
$\frac{{{a^2}}}{{{x^2}}} + \frac{{{b^2}}}{{{y^2}}} = 3$
$\frac{{{a^2}}}{{{x^2}}} + \frac{{{b^2}}}{{{y^2}}} = 4$
दीर्घवृत्त $25{(x + 1)^2} + 9{(y + 2)^2} = 225$ की नाभियाँ हैं
यदि दीर्घवत्त $\frac{x^{2}}{16}+\frac{y^{2}}{b^{2}}=1$ तथा वत्त $x^{2}+y^{2}=4 b$, $b >4$ के प्रतिच्छेदन बिन्दु वक्र $y ^{2}=3 x ^{2}$ पर स्थित हैं, तो $b$ बराबर है
दीर्घवृत्त $16{x^2} + 25{y^2} = 400$ की नियताओं के समीकरण हैं
यदि दीर्घवृत्त $\frac{x^2}{4}+\frac{y^2}{b^2}=1, b<2$, के अभिलंब की मूलबिंदु से अधिकतम दूरी $1$ है, तो दीर्घवृत्त की उत्केन्द्रता है।
माना कि $E_1$ और $E_2$ दो दीर्घवृत हैं जिनके केन्द्र मूलबीन्दु हैं। $E_1$ और $E_2$ की दीर्घ अक्षायें क्रमशः $x$-अक्ष और $y$-अक्ष पर स्थित हैं। माना कि $S: x^2+(y-1)^2=2$ एक वृत्त है। सरल रेखा $x+y=3$, वक्रों $S, E_1$ और $E_2$ को क्रमशः $P, Q$ और $R$ पर स्पर्श करती है। माना कि $P Q=P R=\frac{2 \sqrt{2}}{3}$ है। यदि $e_1$ और $e_2$ क्रमशः $E_1$ और $E_2$ की उत्केन्द्रता (eccentricities) हैं, तब सही कथन है
$(A)$ $e_1^2+e_2^2=\frac{43}{40}$
$(B)$ $e_1 e_2=\frac{\sqrt{7}}{2 \sqrt{10}}$
$(C)$ $\left|e_1^2-e_2^2\right|=\frac{5}{8}$
$(D)$ $e_1 e_2=\frac{\sqrt{3}}{4}$