न्यूट्रॉन का द्रव्यमान समान होता है
प्रोटॉन के
मीसॉन के
ऐपसाइलॉन के
इलेक्ट्रॉन के
दिये गये कथनों से :
($A$) $\mathrm{n}$ वीं कक्षा में किसी इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग $\mathrm{h}$ का पूर्ण गुणज होता है।
($B$) नाभिकीय बल व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन नहीं करते है।
($C$) नाभिकीय बल चक्रण आधारित होते है।
($D$) नाभिकीय बल केन्द्रीय होते है तथा आवेश पर निर्भर नहीं करते है।
($E$) नाभिकों का स्थायित्व संकुलन अंश के मान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
नीचे दिये गये विकल्पों से सही उत्तर चुनिए :
दो न्यूक्लियॉन एक दूसरे से $1 \times {10^{ - 15}}$$m$ दूर है। यदि दोनों न्यूट्रॉन हों तो उनके मध्य बल ${F_1},$ यदि दोनों प्रोटॉन हों तो बल ${F_2}$ तथा यदि इनमें से एक प्रोटॉन तथा अन्य न्यूट्रॉन हो तो बल ${F_3}$ हो, तो इस स्थिति में
निम्नलिखित में से कौनसा समस्थानिक साधारणत: विखण्डनीय है
नाभिकीय अभिक्रिया $_{92}{U^{238}}{ \to _z}T{h^A}{ + _2}H{e^4}$ में $A$ और $Z$ के मान हैं
नीचे दो कथन दिए गए है। एक को अभिकथन $A$ एवं दूसरे का कारण $\mathrm{R}$ कहा गया है।
अभिकथन $(A):{ }_5^{10} \mathrm{~B},{ }_3^6 \mathrm{Li},{ }_{26}^{56} \mathrm{Fe},{ }_{10}^{20} \mathrm{Ne}$ तथा ${ }_{83}^{209} \mathrm{Bi}$ नाभिकों के नाभिकीय घनत्व को निम्न प्रकार व्यवस्थित किया जा सकता है, $\rho_{\mathrm{Bi}}^{\mathrm{N}}>\rho_{\mathrm{Fe}}^{\mathrm{N}}>\rho_{\mathrm{Ne}}^{\mathrm{N}}>\rho_{\mathrm{B}}^{\mathrm{N}}>\rho_{\mathrm{Li}}^{\mathrm{N}}$.
कारण $(\mathrm{R})$ : नाभिक की त्रिज्या $\mathrm{R}$ इसकी द्रव्यमान संख्या $A$ से $R=R_0 A^{1 / 3}$ के अनुसार संबंधित होती है जहाँ $\mathrm{R}_0$ एक नियतांक है।
उपरोक्त कथनों कें संदर्भ में, नीचे दिये गये विकल्पों से सही उत्तर चुनिए :