एक रेडियोऐक्टिव पदार्थ से उत्सर्जित बीटा कणों की संख्या उसके द्वारा उत्सर्जित ऐल्फा कणों की संख्या से दोगुनी है। प्राप्त हुआ पुत्री पदार्थ मूल पदार्थ का
सम-अवयवी होगा।
सम न्यूट्रानी होगी।
समस्थानिक होगा।
समभारक होगा।
एक रेडियोधर्मी पदार्थ का $99\% $ क्षय हो जायेगा
एक रेडियोसक्रिय न्यूक्लाइड की अर्धआयु $100$ घंटे हैं। $150$ घन्टे के बाद प्रारम्भिक सक्रियता का बचा हुआ भिन्नात्मक भाग होगा :
कोई रेडियोएक्टिव पदार्थ $3$ दिन में घटकर अपनी वास्तविक मात्रा का $1 / 8$ भाग रह जाता है। यदि 5 दिन बाद $8 \times 10^{-3} \mathrm{~kg}$ पदार्थ बचता है तो, पदार्थ की प्रारम्भिक मात्रा है: ....... $g$
$\frac{3}{4}$ सैकेण्ड में एक रेडियोधर्मी प्रतिदर्श के $\frac{3}{4}$ सक्रिय नाभिक विघटित हो जाते हैं, तो प्रतिदर्श की अर्द्धआयु है
एक रेडियोसक्रिय विघटन श्रृंखला $_{93}N{p^{237}}$ से शुरू होकर उत्तरोत्तर उत्सर्जन द्वारा $_{90}T{h^{229}}$ को उत्पन्न करती है। इस प्रक्रिया में उत्सर्जित कण हो सकते हैं