किसी नगण्य द्रव्यमान के स्रिंग से लटकाये गये $M$ द्रव्यमान का दोलनकाल $T$ है। यदि इसके साथ ही एक अन्य $M$ द्रव्यमान लटका दिया जाय तो दोलनकाल हो जायेगा
$T$
$\frac{T}{{\sqrt 2 }}$
$2T$
$\sqrt 2 $$T$
एक स्प्रिंग तुला की स्केल $0$ से $10\, kg$ तक मापन करती है तथा इसकी लम्बाई $0.25\, m$ है। स्प्रिंग तुला से लटकी हुई एक वस्तु $\frac{\pi }{{10}}\sec$ के आवर्तकाल से ऊध्र्वाधर दोलन करती है। लटकी हुई वस्तु का द्रव्यमान ..... $kg$ होगा, (स्प्रिंग का द्रव्यमान नगण्य है)
दिए गए आरेख में $M$ द्रव्यमान का एक पिण्ड एक क्षैतिज कमानी से बंधा हैं, जिसका दूसरा सिरा किसी दढ़ सपोर्ट से जुड़ा है। कमानी का कमानी स्थिरांक $k$ है। यह पिण्ड किसी घर्षणहीन पष्ठ पर आवर्तकाल $T$ और आयाम $A$ के साथ दोलन करता है। जब यह पिण्ड साम्यावस्था की स्थिति पर होता है (आरेख देखिए) तब कोई अन्य पिण्ड, जिसका द्रव्यमान $m$ है, इस पिण्ड के ऊपर धीरे से जोड़ दिया जाता है। अब दोलन का नया आयाम होगा।
चित्र में दर्शाए अवमदित दोलक के लिए गुटके का द्रव्यमान $m=200\, g . k =90\, N\, m ^{-1}$ तथा अवमंदन स्थिरांक $b=40 g s ^{-1}$ है ।
$(a)$ दोलन का आवर्तकाल.
$(b)$ वह समय जिसमें इसके कंपन का आयाम अपने आरंभिक मान का आधा रह जाता है तथा
$(c)$ वह समय जिसमें यांत्रिक ऊर्जा अपने आरंभिक मान की आधी रह जाती है, परिकलित कीजिए
दिए गए चित्रानुसार, $K$ और $2\,K$ स्प्रिंग स्थिरांक वाली दो स्प्रिंगें द्रव्यमान $m$ से जुड़ी हैं। यदि चित्र $(a)$ में दोलन काल $3\,s$ है, तो चित्र $(b)$ में दोलन काल $\sqrt{ x } s$. होगा। जहाँ $x$ का मान $..........$ है।
दो स्प्रिंग जिनके बल नियतांक ${K_1} = 1500\,N/m$ तथा ${K_2} = 3000\,N/m$ है, समान बल से खींची जाती है। तो स्प्रिंगों में संचित स्थितिज ऊर्जाओं का अनुपात होगा