एक छात्र की किसी परीक्षा में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय श्रेणी लाने की प्रायिकता क्रमश: $\frac{1}{{10}},\,\frac{3}{5}$ तथा $\frac{1}{4}$ हैं। छात्र के परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने की प्रायिकता है
$\frac{{197}}{{200}}$
$\frac{{27}}{{100}}$
$\frac{{83}}{{100}}$
इनमें से कोई नहीं
तीन पत्र अलग अलग व्यक्तियों को भेजे जाते हैं और तीन लिफाफों पर पते भी लिखें हैं। बिना पते को देखे हुये पत्रों को ठीक लिफाफों में डालने की संभाविता है
समचतुष्फलकों के सिरों पर $1, 2, 3, 4$ संख्यायें लिखी गयी हैं। तीन समचतुष्फलकों को फेंका जाता है, तब उनके ऊपरी सिरों पर अंकों का योग $5$ होने की प्रायिकता होगी
अच्छी तरह फेटी हुई ताशों की एक गड्डी से एक ताश यदृच्छया निकाला जाता है। निकाले गये ताश के इक्का होने की प्रायिकता है
माना $\mathrm{S}=\left\{\mathrm{M}=\left[\mathrm{a}_{\mathrm{ij}}\right], \mathrm{a}_{\mathrm{ij}} \in\{0,1,2\}, 1 \leq \mathrm{i}, \mathrm{j} \leq 2\right\}$ एक प्रतिदर्श समष्टि है तथा $\mathrm{A}=\{\mathrm{M} \in \mathrm{S}: \mathrm{M}$ व्युत्क्रमणीय है $\}$, एक घटना है। तो $\mathrm{P}(\mathrm{A})$ बराबर है
माना अजय के $JEE$ परीक्षा न देने की प्रायिकता $\mathrm{p}=\frac{2}{7}$ है, जबकि अजय तथा विजय दोनों के इस परीक्षा को देने की प्रायिकता $\mathrm{q}=\frac{1}{5}$ है। तो अजय के परीक्षा देने तथा विजय के परीक्षा न देने की प्रायिकता है :